हल्द्वानी: उत्तराखंड रोडवेज हर वक्त सुर्खियों में रहता है। अधिकतर बार विवादों की वजह से… कभी वेबसाइट धोखा दे देती है, कभी फास्टैग नहीं होने की वजह से दोगुना टोल देना या फिर मशीनों की खराबी। प्रबंधन की ओर से हार बार सब सही होने की बात कही जाती है लेकिन असल में ऐसा है नहीं। अब रोडवज द्वारा किराए पर ली गई टिकट मशीने धोखा दे रही है। मशीन में कई तरह की खामियां सामने आ रही हैं। इस वजह से परिचालक और यात्रियों के बीच में विवाद भी हुआ है।
बता दें कि रोडवेज द्वारा मंगवाई गई मशीनों का प्रयोग करीब दस दिन पहले से शुरू हो गया है। प्रयोग शुरू होने के बाद से रोडवेज बसों के परिचालक भी परेशान हो रहे हैं। कभी टिकट साफ नहीं आ रहा है तो कभी फुल चार्ज होने के बाद भी मशीन डिस्चार्ज हो रही है। कर्मचारी नेता ने किराये में ली गई मशीनों में गड़बड़ी होने की बात कही है।
रोडवेज में पिछले साल से पुरानी मशीनों को हटाकर एंड्रॉयड टिकट मशीनों का इस्तेमाल शुरू किया था। इसके चलन के बाद से ही परिचालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। ठेका खत्म होने के बाद निगम प्रबंधन ने नया टेंडर कर करीब 12 सौ मशीनें किराये पर ली हैं। करीब पांच सौ मशीनें कुमाऊं में दी गई हैं। इसका प्रयोग शुरू होते ही परेशानी भी शुरू हो गई है।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै ने कहा कि नई टिकट मशीनों में गड़बड़ी है। निगम को इस बारे में अवगत कराया गया है और फिर भी वह नजर अंदाज कर रहा है। उन्होंने कहा कि निगम की गलती की वजह से यात्री और परिचालकों के बीच विवाद हो रहा है। कमल पपनैं ने कहा कि पुरानी मशीनों को वापस कर नई मशीन मंगवाने की जरूरत है। दूसरी ओर महाप्रबंधक दीपक जैन का कहना है कि कुछ एक मशीनों में खराबी सामने आई हो सकती हैं। फिलहाल अगर संख्या बढ़ती है तो उन्हें बदला जाएगा।
कमल पपनै, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन