हल्द्वानी: हमारा देश बदल रहा है। नए इंडिया की पहचान डिजिटल इंडिया से होने लगी है। डिजिटल इंडिया के तहत देश के भविष्य को स्मार्ट बनाने की ओर ध्यान दिया जाने लगा है। इतने बड़े सपने बिना नींव रखे देखे जा रहे है। क्या डिजिटल इंडिया केवल पैसों के लेनदेन के लिए सीमित है? नहीं ना अगर मॉर्डन इंडिया की बात करनी है तो पहले वहां के युवाओं को मॉर्डन बनाइए जो इंटरनेट पर हो रही गतिविधियों की सुरक्षा प्रदान करें। देश को डिजिटल होना है, इंटरनेट पर राज करना है तो उसकी सुरक्षा के तरफ भी कदम उठाना जरूरी है।
इस दिशा में हल्द्वानी की साइबर सिक्योरिटी कंपनी इंडिया साइबर डिफेंस एलाइंस निर्धन वर्ग के युवाओं के लिए निशुल्क साइबर सिक्योरिटी कोर्स करा रही है। इस मुहीम के पीछे एक लक्ष्य है कि इंटरनेट पर आतंक मचाने वालों पर लगाम कसी जाए।
इस कोर्स के तहत छात्रों को सीएच वर्जन 9 और वर्जन 10 सिखाई जाएगी। इंडिया साइबर डिफेंस एलाइंस द्वारा कराए जा रहे इस कोर्स को ईसी काउंसिल द्वारा स्वीकृति दी गई है। बता दें कि अगर कोई सेंटर ईसी से पंजीकरण नहीं होता है तो उसे इस तरह के कोर्स कराने की अनुमति नहीं मिलती है।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए विश्व में आइटी क्षेत्र में पहचान बनाने वालों में हल्द्वानी के साइबर एक्सपर्ट विकास सिंह बिष्ट ने बताया कि साइबर क्राइम का जाल काफी बड़ा है जिसकी कल्पना करना मुश्किल है। केवल पैसों के लेन-देन के लिए हम डिजिटल होकर स्मार्ट नहीं बनना चाहते है, जरूरत है कि लेने देन करने वालों को सुरक्षा की जाए।
उन्होंने बताया कि युवाओं को साइबर सिक्योरिटी कोर्स के विषय में खासा रूचि है लेकिन इस कोर्स के लिए फीस दे पाना उनके लिए मुश्किल होता है। उन्होंने बताया कि इस निशुल्क कोर्स के माध्यम से हम बताना चाहते है कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए एक स्मार्ट टीम की जरूरत है उसके बाद ही स्मार्ट इंडिया की असली तस्वीर सामने आएगी। साइबर एक्सपर्ट विकास सिंह बिष्ट ने बताया कि इस मुहीम में उन्हें ओपन वेब एप्लिकेशन सिक्योरिटी प्रोजेक्ट व सीएसए क्लाउड सिक्योरिटी एलाइंस की तरफ से सहयोग किया जा रहा है।
साइबर एक्सपर्ट विकास सिंह बिष्ट ने बताया कि इस निशुल्क कोर्स की अधिक जानकारी के लिए 3/22 आईसीडीए निकट कांता होटल बरेली रोड हल्द्वानी तथा [email protected] में संपर्क कर सकते हैं।
कौन है विकास सिंह बिष्ट:
हल्द्वानी के साइबर एक्सपर्ट विकास सिंह बिष्ट नाम पिछले साल साइबर सिक्योरिटी को लेकर राज्य में सुर्खियों में रहा। उन्होंने गूगल की एक वेबसाइट में खामी ढूंढी है। गूगल की सिक्योरिटी टीम ने गलती स्वीकारते हुए उसमें सुधार किया है।इसके बाद गूगल ने विश्व के कुल 980 आइटी एक्सपर्ट में 322वीं रैंक में विकास का नाम शामिल किया था। उन्हें गूगल की कमी को सामने लाने के लिए कंपनी ने 100 डॉलर की इनामी राशि दी थी।