देहरादून: हर त्योहार की अपनी अलग-अलग मान्यताएं होती हैं। आमतौर पर लक्ष्मी मां का त्योहार दीपावली को माना जाता है। लेकिन उत्तराखंड रोडवेज को लक्ष्मी मां का आशीर्वाद रक्षाबंधन पर ही मिल गया। रोडवेज ने 18 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए करीब दो करोड़ रुपए की कमाई कर डाली।
उत्तराखंड रोडवेज की हालत से हर कोई वाकिफ है। कोरोना की मार ने रोडवेज को रोड पर ला खड़ा किया। वो तो वक्त वक्त पर कुछ सांसें मिलती रहीं वरना कर्मियों के लिए और भी परेशानी हो जाती है। इस बार रक्षाबंधन पर चमत्कार हो गया। ऐसा लगता है जैसे दीपावली पहले या होली देर से आई है।
दरअसल होली-दिवाली पर ही रोडवेज की कमाई दो करोड़ के आंकड़े को छू पाती है। रक्षाबंधन का हर बार का रिकॉर्ड भी पौने दो करोड़ के आसपास का ही आंकड़ा दर्शाता है। लेकिन इस बार पिछले 18 सालों का रिकॉर्ड टूट गया। रक्षाबंधन पर्व पर कमाई का आंकड़ा दो करोड़ रुपए को छू गया।
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पिछले साल रक्षाबंधन पर्व पर सब कुछ ठंडा पड़ा हुआ था। लाजमी है कि अंतरराज्यीय परिवहन 50 फीसद यात्री क्षमता की शर्त के साथ चल रहा था। जिस कारण बसें खाली खाली थीं। मगर इस बार कोरोना से राहत है तो इसका फायदा रोडवेज को भी हो गया है।
रक्षाबंधन पर कुल 887 बसों का संचालन हुआ जबकि कर्मचारियों के अवकाश या ड्यूटी पर नहीं आने की वजह से 106 बसें स्थगित करनी पड़ी। दून मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता के अनुसार कुल आय दो करोड़ रुपये में दून मंडल ने एक करोड़ तीन लाख रुपये की आय की, जबकि बाकी 97 लाख रुपये नैनीताल व टनकपुर मंडल की आय रही। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि यह सभी कार्मिकों की मेहनत का परिणाम है।
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