देहरादून: वैसे तो हर किसी के ड्यूटी ही सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। कई मौकों पर हम देखते ही ऑफिसर रैंक के लोग अपने जूनियर्स पर जिम्मेदारी का बोझ डाल देते हैं और अपना कंफर्ट जोन में रहना पसंद करते हैं। यह हमारे देश में चलता रहता है। लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे भी होती हैं जो अपने काम से पीढ़ी को प्रेरित करते हैं। अपने काम से उन्हें रास्ता दिखाते हैं और सैंकड़ों लोग उन्हें अपना आदर्श भी मानते हैं। ऐसे ही अधिकारियों की सूची में शामिल हैं टिहरी के डीएम मंगेश घिल्डियाल। कुछ दिन पहले ही उन्हें पीएमओं में अहम जिम्मेदारी मिली है। 2012 बैच के आईएएस अफसर घिल्डियाल राज्य के लोकप्रिय अधिकारियों में से हैं। रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी रहते हुए केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में उनकी सक्रिय भूमिका रही। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी। टिहरी के जिलाधिकारी के तौर पर कोरोनाकाल में प्रभावी भूमिका के लिए वह काफी चर्चित रहे हैं। लेकिन अभी वह किसी अन्य वाक्ये को लेकर सुर्खियों में हैं।
टिहरी जिले के सीमांत गांव गंगी में आपदा के चलते नुकसान हुआ था और उसका जायजा लेने के लिए डीएम मंगेश घिल्डियाल पहाड़ी रास्तों पर 17 किमी की पैदल गांव पहुंचे। उनके गांव पहुंचने पर पूरा गांव हैरान हो गया। बता दें कि 10 अगस्त को बारिश से भारी नुकसान हुआ था। गांव के बीचों बीच बहने वाला गदेरा उफान पर आने से दस लोगों के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे। तीन गोशाला ढहने से 15 पशु भी मलबे में दबकर जिंदा दफन हो गए थे। पेयजल लाइन, घराट, संपर्क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। निर्माणाधीन 20 किमी घुत्तू-रीह-गंगी सड़क मार्ग भी आपदा से क्षतिग्रस्त होकर जुलाई से यातायात के लिए बाधित है।
डीएम मंगेश घिल्डियाल ने ग्रामीणों से बात की और उनकी परेशानी भी सुनी। बारिश के चलते नुकसान के बारे में ग्रामीणों ने उन्हें अवगत कराया। ग्रामीणों ने आपदा से क्षतिग्रस्त हुए रास्तों, पैदल पुलों और विद्यालय भवन का जल्द निर्माण करने की मांग उठाई। डीएम ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को तीन माह से यातायात के लिए बंद पड़ी घुत्तू-रीह-गंगी सड़क जल्द खोलने के निर्देश दिए।