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सपने के साथ समझौता नहीं किया,आज जुखानी का धर्मवीर बिष्ट बना सेना में ऑफिसर


सपने के साथ समझौता नहीं किया,आज जुखानी का धर्मवीर बिष्ट बना सेना में ऑफिसर

देहरादून: सैनिकों को उनका कार्य करने से कोई नहीं रोक सकता है। यह बात आज सच साबित हुई है। कोरोना वायरस की महामारी के बीच भारत को 333 नए सैन्य अधिकारी मिलें हैं। कोरोना के बीच देहरादून के आईएमए में पासिंग आउट परेड हुई। इस दौरान सभी कैडेट्स मास्क पहने नजर आए। देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद आज भारतीय थल सेना में 333 कैडेट्स शामिल हुए। परेड में 9 मित्र देशों से 90 जेंटलमैन कैडेट्स समेत देश-विदेश के कुल 423 जेंटलमैन कैडेट्स ने हिस्सा लिया। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने परेड का निरीक्षण किया. कैडेट्स को भारतीय सेना की शपथ दिलाई। उत्तर प्रदेश से इस बार भी सबसे ज्यादा 66 कैडेट्स पास आउट हुए। वहीं हरियाणा में 39 कैडेट्स और उत्तराखंड-बिहार से 31-31 कैडेट्स सेना में अफसर बने।

चमोली का बेटा बना ऑफिसर

आज का दिन उत्तराखंड के लिए खुशियां लाया है। पहले कोरोना वायरस को हराने वालों की संख्या हजार से पार हो गई है जो राहत देती है। दूसरी ओर चमोली के थराली विकास खंड स्थित तलवाड़ी स्टेट ग्राम पंचायत जुखानी गांव के रहने वाले धर्मवीर बिष्ट ने भारतीय सेना में ऑफिसर बन राज्य का नाम रोशन किया है। उन्होंने बचपन में जो सपना देखा था उसे आज अपने परिश्रम से सच कर दिखाया है। वह इंजीनियरिंग कोर में लेफ्टिनेंट पद पर तैनात हुए हैं।

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धर्मवीर बिष्ट का जन्म 30 जून 1992 को हुआ। जन्म से ही मैधावी धर्मवीर ने रा.प्रा.वि तलवाड़ी से पढ़ाई की। साल 2007 में हाईस्कूल व 2009 में इंटरमीडिएट की परीक्षा जीआईसी तलवाड़ी से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। बचपन से पढ़ाई में होनहार धर्मवीर तीन बार एन. डी. ए की परीक्षा पास की लेकिन एस.एस.बी. मे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद भी उन्होंने अपने सपनों के साथ समझौता नहीं किया। आखिर नाकामी को उनके परिश्रम के आगे घुटने टेकने पड़े और वह साल 2010 में वायुसेना में वायु सैनिक के रुप में भर्ती हुए।

सेना में रहते हुए उन्होंने पंजाब तकनीकी विवि से 2014 बीएससी आईटी और जेएनयू से वर्ष 2019 में बीएससी प्रथम श्रेणी में पास की। वर्ष 2016 में कैडेट परीक्षा पास कर आर्मी कैडेट कॉलेज विंग में कैडेट के रुप में ज्वाइन किया। बता दें कि उनके पिता भारतीय डाक विभाग में हैं और उनकी मां हाउस वाइफ हैं। जबकि उनकी पत्नी उद्यान विभाग मे पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा उनके दोनो बड़े भाई भी सेना मे कार्यरत हैं। उनकी इस कामयाबी के बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल है।

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