हल्द्वानीः गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया जाना उत्तराखंड के लिए एक बड़ा ऐतिहासिक फैसला है। जो फैसला 20 साल में कोई न कर सका वो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कर दिखाया। बुधवार को उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक बड़ी घोषणा की। लंबे समय से चले आ रहे कयासों के बीच सीएम ने गैरसैंण(भराड़ीसैंण) को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया।
बता दें कि साल 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने गैरसैंण में कैबिनेट बैठक की। भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन की नींव रखी गई। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि पिताजी ने सपना देखा, मैंने उसे रूप देने की कोशिश की और आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उसे साकार कर दिखाया। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण राजधानी शहीदों को समर्पित है। गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा आंदोलनकारियों का सम्मान है।
गैरसैंण का मुद्दा हमेशा से पहाड़ के लोगों की जनभावनाओं से जुड़ा रहा है। इस पर हमेशा से राजनीति भी होती रही, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने जनभावनाओं को सर्वोपरि रखकर इस पर होने वाली राजनीति को भी चूप करा दिया है। जिस अवधारणा को लेकर आंदोलनकारियों ने राज्य गठन का सपना देखा था और 48 से ज्यादा आंदोलनकारियों ने शहादत दी थी, उनका सपना आज बीजेपी की सरकार ने पूरा किया है।