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तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा उत्तराखंड का बेटा, जयकारों से गूंजा अल्मोड़ा

अल्मोड़ा: उस वक्त जिले मिरगांव में मातम छा गया जब शहीद दिनेश सिंह का पार्थिव शरीर घर पहुंचा। अपने माता-पिता को बेटे ने जल्द घर आने का वादा किया था लेकिन 25 साल का दिनेश इस हालत में घर आएगा किसी ने सोचा नहीं था। छोटी सी उम्र में मिरगांव का बेटा देश के इतिहास में अमर हो गया।

बता दें कि जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए अल्मोड़ा निवासी जवान दिनेश सिंह गैड़ा आखिरी बार तिरंगे से लिपटकर परिवार से मिलने पहुंचे।बीते रविवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में कर्नल-मेजर समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। पूरे गांव की आंखों पर आंसू थे। पूरा गांव दिनेश के अमर जयकारों से गूंज गया था।

अल्मोड़ा जिले के भनोली तहसील के मिर गांव निवासी लांस नायक दिनेश सिंह 015 में 21 राष्ट्रीय राइफल्स 17 गार्डस में भर्ती हुए थे। दिसंबर में वह घर आए थे। उन्होंने जल्द घर आने के बाद परिवार वालों को बताया था। दिनेश की दो बहने हैं और दोनों की शादी हो गई है। दिनेश के पिता गोधन सिंह भी भारतीय सेना से रिटायर हैं। उनके पार्थिव शरीर को सेना के विशेष विमान से बरेली लाया गया। जहां से आज उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से उनके गांव लाया गया था।

प्रदेश सरकार की ओर से परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद रामेश्वर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद दिनेश की अंतिम विदाई में पूरा गांव भावुक हो उठा।

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