राजधानी देहरादून में कोरोना वायरस के मामले रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। अब तो हॉस्पिटल के बेड भी फुल होने जैसी नौबत सामने आ रही है। इन सभी के बीच एक खबर ने सभी को हैरान कर दिया। कोरोना वायरस की जांच में निजी लैब गड़बड़ी कर रही है, इसकी शिकायत शासन को मिली है। कुछ निजी लैब में जांच कराने पर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव और सरकारी लैब से जांच कराने पर नेगिटिव आने की शिकायतें अब शासन को मिली है। जांच में 50 प्रतिशत तक रिपोर्ट पॉजिटिव आने की शिकायत भी शासन को मिली है।
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मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि कुछ निजी लैब द्वारा जांच के नतीजे आइसीएमआर को नहीं भेजे, यह शिकायत भी सरकार तक पहुंची हैं। इस तरह की शिकायतों को शासन ने गंभीरता से लिया है और इनकी जांच होगी। बता दें कि प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले निजी लैब को भी कोरोना टेस्टिंग का अधिकार दिया है। इन लैब में प्रतिदिन 6500 से 7000 सैंपल भेजे जा रहे हैं।
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सरकार को शिकायत मिली है कि निजी लैब में सैंपलिंग कराने में गड़बड़ की जा रही है। विशेषकर देहरादून में निजी लैब में सैंपलों की जांच पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोप ये भी लगाए जा रहे कि कुछ निजी लैब में सैंपलों की जांच में पॉजिटिव रिपोर्ट आने का प्रतिशत काफी अधिक है।
कोरोना वायरस जानलेवा है। इसके लिए बनाए गए सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कोई करेगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने शनिवार को सचिवालय में हुई बैठक में कहा कि देहरादून में नागरिकों से शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ निजी लैब में टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है, जबकि सरकारी अस्पताल में उसी व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।
ये भी शिकायतें आ रही हैं कि देहरादून की कुछ निजी लैब से लगभग 50 प्रतिशत लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। मुख्य सचिव ने देहरादून डीएम को निर्देश दिए कि निजी लैब में पॉजिटिव पाए गए कुछ व्यक्तियों का सरकारी लैब में भी टेस्ट कराया जाए। यदि किसी लैब की रिपोर्ट गलत पाई गई तो फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।