देहरादूनः यूं तो देवभूमि उत्तराखंड पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। लेकिन आज भी यहां के कुछ गांव ऐसे हैं जहां खूबसूरत वादियां तो हैं लेकिन चलने के लिए सड़क नहीं हैं। दूरस्थ गांवों में रहने वाले लोग आज भी बिजली-पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। इसके चलते कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। उत्तरकाशी के बड़कोट तहसील से सटे पौल गांव में सड़क नहीं थी। कुछ समय पहले गांव में मनरेगा के तहत सड़क बनी और मंगलवार को गांव में पहली बार चौपहिया वाहन पहुंचा। वाहन देखकर लोगों के खुशी के ठिकाने नही रहें।
बता दें कि यमुना घाटी में स्थित पौल गांव को शहीदों के गांव के नाम से जाना जाता है। यहां के कई जवान देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए हैं। इसके बावजूद ये गांव में चलने लायक सड़क नही है। सालों बाद गांव को सड़क मिली। गांव के रहने वाले पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सिद्धि भट्ट ने बताया कि गांव में ‘मेरा गांव मेरी सड़क’ योजना के तहत इस सड़क का निर्माण किया गया है। लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क के बन जाने से ग्रामीणों काफी राहत मिलेगी। वहीं चौपहिया वाहन देखकर गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव के लोगों का कहना है कि अब उन्हें खेतों में पैदा होने वाली नकदी फसल, दूध और सब्जियां बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी।
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