हल्द्वानी: देशभर में ठंड का प्रकोप दिसंबर के आते ही बढ़ना शुरू हो गया है। उत्तराखंड राज्य में तो दिन प्रतिदिन सर्दी खुद को ही हरा कर आगे निकल रही है। रोज़ाना पुराने सालों में पड़ी सर्दी के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। ठंड इतनी की ना तो लोग घरों से बाहर निकलने का मन बना पा रहे हैं और ना ही घर में बिना हीटर या अलाव के रुक पा रहे हैं। बाज़ारों में सुन्नी बिखरी हुई है, कोहरे ने जनजीवन को ढक कर रख दिया है और तो और सूर्यदेव भी अपनी धूप से कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल उत्तराखंड मौसम विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलेगा कि ठंड का आतंक किस हद तक फैल चुका है। बृहस्पतिवार को ठंड ने बीते दस सालों के रिक़र्ड को जड़ से उखाड़ फेंका है। आलम यह है कि पिछले दस सालों में 17 दिसंबर का दिन इतना ठंडा कभी नहीं रहा। वैज्ञानिकों ने भी इस बात को माना है।
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आंकड़ों पर नज़र डालें तो बृहस्पतिवार को हल्द्वानी में अधिकतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा नैनीताल में अधिकतम 12 व न्यूनतम तापमान 07 डिग्री सेल्सियस, मुक्तेश्वर में अधिकतम 14.8 और न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस रहा। साथ ही पिथौरागढ़ में अधिकतम तापमान 15.2 व न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा। ऐसा नहीं है कि आसमान में बादलों का पहरा होने से ही ठंड के प्रकोप में रोज़ाना बढ़ोत्तरी हो रही है। सूरज के दर्शन हो रहे हैं, धूप खिल रही है, मगर ठंड इतनी ज़्यादा है कि वो धूप को दबाने में बार बार सामर्थ्य हो जा रही है।
अगर एक दिन पीछे चलें और बात करें बुधवार के मौसम की, तो मिजाज कुछ अधिक ठंडे नज़र आते हैं।। दरअसल बुधवार को हल्द्वानी का न्यूनतम पारा नैनीताल और मुक्तेश्वर से भी कम दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार हल्द्वानी का मिनिमम तापमान 1.9 व मैक्सिमम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोनों ही मामलों में यह आंकड़ा सामान्य से पांच डिग्री कम है।
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बता दें कि यह अब तक के सीज़न का सबसे कम तापमान है। बुधवार को मुक्तेश्वर में न्यूनतम तापमान 2.4 जबकि नैनीताल में 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग देहरादून ने बताया कि मैदानी इलाकों में कोहरा छा सकता है। इसके अलावा नैनीताल में सुबह सुहावना और शाम को कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है।
वैज्ञानिकों की माने तो आज से शीत दिवस से राहत तो मिलेगी मगर शीत लहर कायम रहेगी। इसके अलावा शुक्रवार से मौसम का मिजाज करवट ले सकता है। रातों में तापमान सामान्य से दो तीन डिग्री और कम रहने की उम्मीद है। दिन में धूप से राहत मिल सकती है।। पंतनगर विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ आरके सिंह ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का प्रकोप रहेगा। साथ ही कोहरे के साथ परेशानी भी बढ़ेगी। इसके अलावा 24 से 26 दिसंबर के बीच मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ों में बर्फबारी की भारी संभावना भी जताई गई है।
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