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जीएसटी पर असम ने मारी बाजी , सभी दलों की रजामंदी से बिल पारित


नई दिल्ली। असम विधानसभा में शुक्रवार का दिन भारतीय गणतंत्र के इतिहास में दर्ज हो गया। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की ओर से वित्त मंत्री डा. हिमंत विश्वशर्मा ने विधानसभा में बजट सत्र के समापन से एक दिन पहले आज गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से संबंधित 122वां संविधान संशोधन बिल को पेश किया। जिसे भाजपा, कांग्रेस, अगप, एआईयूडीएफ समेत सभी विधायकों ने एकमत होकर पारित कर दिया।

बिल के पारित होने पर वित्त मंत्री ने सभी विधायकों व सदन का आभार व्यक्त किया। सदन के बाहर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बिल के पारित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि इस बिल के क्रियान्वित होने पर असम को काफी लाभ होगा। हमारी आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होगी।

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सदन में बिल के पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बिल की खूबियों के बारे में सदन को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विश्व के अन्य कई देशों में जीएसटी लागू है, लेकिन हमारे में लागू होने वाला जीएसटी कनाडा और ब्राजील में लागू जीएसटी से काफी मिलता-जुलता है। हालांकि उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारतीय जीएसटी को पूरे विश्व में यूनिक जीएसटी बताया गया है।

डा. विश्वशर्मा ने कहा कि असम समेत पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू एवं कश्मीर के लिए जीएसटी बिल में कुछ विशेष रियात दी गई है, जो असम की आर्थिक उन्नति के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी से दायरे से पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) को कुछ समय के लिए बाहर रखा गया है, जबकि शराब को स्थायी तौर पर बाहर रखा गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पौर निगम और नगर निगमों द्वारा वसूला जाने वाला कर भी पहले की तरह वसूला जाएगा, इसे जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है।

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