नई दिल्ली: पीएम मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का फैसला लेते हुए पूरे देश को सकते में डाल दिया था। खुद पीएम मोदी इस फैसले का ऐलान किया था। उसके बाद मोदी सरकार को लोगों और विपक्ष की काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी लेकिन पीएम मोदी का ये फैसला एक उज्जवल भविष्य की ओर जा रहा है। मीडिया के पास आ रहे डाटा के अनुसार नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है और वो करीब 5 लाख करोड़ बढ़ी है। ये डाटा इंडिया टुडे द्वारा पेश किया है। आपको बता दे कि इस वक्त देश में मौजूद नोटों की कीमत 19.25 लाख करोड़ है वहीं नोटबंदी से पहले ये 17.77 लाख करोड थी। लेकिन रिजर्व बैंक की तरफ से अप्रैल में आए आकंड़ों को देखा जाए तो फिलहाल 14.2 लाख करोड़ के नोट चलन में है। नोटबंदी के बाद से देश में कैशलेश को लेकर लोगों आगे बड़े है और बड़ी तादत में उसका इस्तेमाल कर रहे है।दरअसल इन आकंड़ों को देखा जाए तो इस वक्त अर्थव्यवस्था में नकदी की मौजूगी नोटबंदी न किए जाने की हालत के मुकाबले करीब 5 लाख करोड़ रुपये कम है।
बात 2016-17 के वित्त वर्ष मकी करे तो उसमें कुल 300 करोड़ की ऑनलाइन ट्राजेक्शन की गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस गति से ऑनलाइन लेन-देन बढ़ रहा है, उस हिसाब में वित्त वर्ष 2017-18 में ये आकंड़ा 2500 करोड़ तक पहुंच सकता है।बता दें कि देश में नोटबंदी के लागू होते ही 500 और 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया गया। इससे लोगों को लाइनों में लगकर परेशानियों का सामना करना पड़ा। पीएम मोदी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि देश की जनता को थोड़ी तकलीफ होगी, लेकिन कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी बेहद जरूरी थी।