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बंद किए गए नोटों का 45 फीसदी ही वापस सर्कुलेशन में लौटा


नई दिल्ली। मोदी सरकार की ओर से 8 नवंबर, 2016 के बाद लागू की गई नोटबंदी के बाद बंद हुए नोटों के बदले में कितने नए नोट मार्केट में आ चुके हैं? इस सवाल के जवाब में गुरुवार को गवर्नर उर्जित पटेल ने संसदीय समिति के समक्ष बताया कि करीब 9.2 लाख करोड़ रुपये तक के नए नोट आरबीआई की ओर से जारी किए जा चुके हैं। इसका अर्थ हुआ कि कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बंद किए जाने के बाद 60% की नई करेंसी आ चुकी है।  हालांकि आरबीआई की ओर से 13 जनवरी को जारी आंकड़ों के मुताबिक कुल 9.5 लाख करोड़ रुपये की राशि सर्कुलेशन में है। इस आंकड़े में नोटबंदी से पहले छोटी करेंसी के रूप में मौजूद 2.53 लाख करोड़ रुपये की रकम भी शामिल है। यदि इस राशि को 9.55 लाख करोड़ रुपये में से घटा दिया जाए तो पता चलता है कि करीब 6.97 लाख करोड़ रुपये के नए नोट ही सर्कुलेशन में हैं। यह अमान्य किए गए 500 और 2000 रुपये के पुराने नोटों का करीब 45 फीसदी ही है।

रिजर्व बैंक के सूत्रों ने कहा कि आंकड़ों में इस उलटफेर की वजह यह है कि आरबीआई ने 13 जनवरी को सर्कुलेशन में चल रहे नोटों की जानकारी दी। इसका अर्थ यह है कि बैन किए गए नोटों का महज 45.3% हिस्सा ही लौटा है। इसमें भी 5 लाख करोड़ रुपये 2,000 के नोटों के हैं। वहीं, एसबीआई में ग्रुप चीफ इकॉनमिक एडवाइजर सौम्या कांति घोष ने कहा कि यदि अमान्य नोटों के बदले 7 लाख करोड़ के नोट ही जारी किए गए हैं तो इसका अर्थ यह है कि आरबीआई ने छोटे नोटों की छपाई पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है।’

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