नई दिल्ली। भारतीय सोने के सिक्के सबकी पसंद बनते जा रहे हैं। दरअसल, भारत सरकार की महात्वाकांक्षी स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत पेश सोने के सिक्के ‘इंडियन गोल्ड क्वॉयन’ को शुद्धता और विश्वसनीयता के कारण उपभोक्ता दूसरे स्वर्ण सिक्कों से अधिक पसंद कर रहे हैं। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार शुद्धता की गारंटी, हॉलमार्क और मानकों पर खरा उतरने से ग्राहकों के बीच भारतीय स्वर्ण सिक्कों की मांग में लगातार इजाफा हो सकता है। डब्ल्यूजीसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण में शामिल करीब 85 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार का समर्थन इसे और अधिक प्रासंगिक बनाता है। ‘भारत का स्वर्ण निवेश विकास, भारतीय सोने के सिक्के : ब्रांडेड स्वर्ण सिक्कों का एक परिचय’ शीषर्क से जारी रिपोर्ट के अनुसार करीब 87 फीसदी लोगों का मानना है कि शुद्धता की गारंटी उनके लिए सबसे अधिक मायने रखती है। जबकि 85 फीसदी लोग मानते हैं कि सरकार का समर्थन और राष्ट्रीय विनिर्माताओं के सिक्के इसे अधिक प्रासंगिक बनाते हैं। सिक्कों का मानकीकरण और उन पर हॉलमार्क लगाने को भी 84 फीसदी प्रासंगिक बताते हैं। यह सर्वेक्षण विभिन्न आर्थिक सामाजिक वर्गों से संबंध रखने वाले 25 से 60 वर्ष की आयु के पेशेवरों, कारोबारियों, महिलाओं और गृहणियों के बीच देश के 8 प्रमुख शहरों में किया गया था।