देहरादून: क्रिकेट के मैदान से प्रदेशवासियों के लिए लगातार अच्छी खबर आ रही है। कोई विश्वकप में धमाका मचा रहा है तो रणजी में अपनी छाप छोड़ रहा है। उत्तराखण्ड के युवाओं के धमाकेदार प्रदर्शन ने राज्य को क्रिकेट संघ बनाने की मांग को भी तेज़ कर दिया है। कयास लगाए जा रहे हैकि उत्तराखण्ड को जनवरी में बीसीसीआई की ओर से मान्यता मिल जाएगी। मान्यता ना होने के बाद भी उत्तराखण्ड क्रिकेट के मैदान पर अपनी मौजूदगी पेश कर रहा है। इस बार क्रिकेट के मैदान पर बेटियों का डंगा बजा है।
पैडुल गांव की रूपाली और स्तुति ने भारतीय महिला अंडर-19 टीम में जगह बना अपने गांव, अपने क्षेत्र और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।जनपद के जीजीआइसी पैडुल में अध्ययनरत दो छात्राओं का उत्तराखंड महिला क्रिकेट अंडर-19 टीम में चयन हो गया है। इस विषय में जानकारी देते हुए जीजीआइसी पैडुल की प्रधानाचार्य शोभा चंदोला ने बताया कि कक्षा 12वीं की छात्रा रुपाली व स्तुति का उत्तराखंड महिला क्रिकेट अंडर-19 में चयन हो गया है। जो 25 दिसंबर 2017 से 30 दिसंबर 2017 तक इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगी। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष 2016-17 में राज्य की अंडर-17 क्रिकेट टीम की ओर से स्तुति राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी है। उन्होंने बताया कि रुपाली पैडुल गांव और स्तुति काटुल गांव की रहने वाली है।
इन दोनों की कामयाबी ने एक बार फिर लोगों के मुंह पर तमाचा मारा है जो सोचते है कि बेटियां खेल के मैदान पर नहीं चमक सकती है।उत्तराखंड की एकता बिष्ट और मानसी जोशी ने भी पहाड़ के खेतों में अभ्यास कर उसे मैदान पर दिखाया है। रूपाली और स्तुति ने अपना गांव के मैदान में अभ्यास किया और लोगों की मानसिकता को बदल दिया। उन्होंने साबित किया कि देवभूमि की धरती सोना उगलने में सक्षम है। रूपाली और स्तुति के चयन ने राज्य को एक बार फिर जश्न बनाने का मौका दिया है। राज्य में क्रिकेटफैंस अपने युवा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर अक्सर पोस्ट करते रहते है।