नई दिल्ली: रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली। देश के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने उन्हें दोपहर 12.15 बजे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले रामनाथ कोविंद ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को नमन किया। उसके बाद वो राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हुए वहां से वे निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ शपथ ग्रहण समारोह के लिए संसद के केंद्रीय कक्ष पहुंचे।पथ ग्रहण के वक्त मंच पर कोविंद और प्रणव के अलावा खेहर, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, स्पीकर सुमित्रा महाजन भी मौजूद रहे। पीएम मोदी मंच के सामने सांसदों और अन्य मेहमानों के साथ सामने की कतार में बैठे थे। मोदी के साथ पूर्व पीएम देवगौड़ा, मनमोहन सिंह के अलावा सोनिया गांधी, नितिन गडकरी बैठे थे।
शपथ ग्रहण के बाद सेंट्रल हॉल में नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भाषण हुआ। कोविंद ने अपनी स्पीच हिंदी में दी। कोविंद ने राष्ट्रपति पद का दायित्व सौंपे जाने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सेंट्रल हॉल में आने के बाद उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं। कोविंद ने अपनी शुरुआती जिंदगी और चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह मिट्टी के घरों में पले हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में आम लोगों के सहयोग की भी जरूरत है। कोविंद ने कहा कि खेतों में काम करने वाली महिलाएं, किसान, वैज्ञानिक, स्टार्टअप कारोबारी से लेकर सुरक्षाबलों तक राष्ट्र निर्माता हैं।