हल्द्वानी: जॉइस को माइग्रेन (आधासीसी का दर्द) है। माइग्रेन आमतौर पर कभी-कभार होनेवाले सिरदर्द से कई तरीकों से अलग होता है। उदाहरण के लिए, इसका दर्द बार-बार उठता है और हर बार एक ही तरह के हालात में होता है। साथ ही, कई बार दर्द इतना भयंकर होता है कि पीड़ित व्यक्ति अपने रोज़मर्रा के काम नहीं कर पाता है।
माइग्रेन के लक्षण क्या हैं? अकसर सिर में तेज़ दर्द होता है और शायद यह दर्द सिर के सिर्फ एक ओर हो। डॉक्टर नवीन पांडे ने बताया कि इसके अलावा हो सकता है कि पीड़ित व्यक्ति का जी मिचलाए और वह तेज़ रौशनी को बरदाश्त न कर पाए। माइग्रेन का दर्द कई घंटों से लेकर कई दिनों तक बना रह सकता है। हालाँकि ज़्यादातर लोगों को कभी-कभार तनाव के कारण सिरदर्द होता है, लेकिन 10 में से सिर्फ एक व्यक्ति को माइग्रेन की बीमारी होती है। पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों को यह बीमारी ज़्यादा होती है। कुछ लोगों को दूसरों के मुकाबले दर्द ज़्यादा होता है। इसके शिकार ज़्यादातर लोग कई दिन काम पर नहीं जा पाते इसलिए उनकी आमदनी कम हो जाती है। इस बीमारी से उनकी पारिवारिक और सामाजिक ज़िंदगी पर भी बुरा असर होता है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माइग्रेन को उन 20 बड़ी बीमारियों में रखा है, जो उम्र भर लोगों का पीछा नहीं छोड़ती।
माइग्रेन का दर्द उठने से पहले, कुछ लोगों के हाथ ठंडे पड़ जाते हैं, थकान महसूस होती है, भूख लगती है या चिड़चिड़े हो जाते हैं। फिर सिरदर्द शुरू होने से तुरंत पहले शायद चक्कर आए, कानों में झनझनाहट या शरीर में सुइयाँ चुभने जैसा एहसास हो, चीज़ें एक के बजाय दो-दो दिखायी दें, बात करने में दिक्कत या माँस-पेशियों में कमज़ोरी महसूस हो।माइग्रेन के कारणों का पूरी तरह पता नहीं लग पाया है। पर इसे स्नायु-तंत्र की गड़बड़ी समझा जाता है, जो सिर में मौजूद खून की नलियों पर असर करता है। खून की नलियाँ जब संकुचित हो जाती हैं और उनमें से खून गुज़रता है तो रोगी को भयंकर पीड़ा होती है। हल्द्वानी साहस होम्योपैथिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने कुछ होम्योपैथिक दवाए बताई जिससे माइग्रेन की समस्या दूर हो सकती है।