देहरादून: चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से यात्रा दो साल से बंद थी और सुरक्षा नियमों के साथ कपाट खोले गए थे, जहां तीर्थयात्रियों को एंट्री नहीं दी गई थी। चारधाम यात्रा को सफल बनाने के लिए सरकार व जिला प्रशासन लंबे वक्त से तैयारियों में जुटे थे। इस बार चारधाम यात्रा में एक हफ्ते के भीतर 20 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है।
चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को कठिन परिस्थितियों के बीच यात्रा करनी पड़ती है। चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और ऐसे में अव्यवस्थाओं का बढ़ना स्वाभाविक है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में क्षमता से दोगुने से अधिक यात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, जिससे धामों में श्रद्धालुओं को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है।
यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में 14 यात्रियों की मौत हो चुकी है। वहीं केदारनाथ में पांच और बदरीनाथ में एक श्रद्धालु की मृत्यु हुई है। 20 तीर्थयात्रियों की मौत ने यात्रा के बाद प्रशासन की टेंशन बढ़ गई है। सभी की मौत पैदल यात्रा करते वक्त हुई है। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के लिए तीर्थ यात्रियों को कठिन रास्ता कवर करना पड़ता है। इन स्थानों में कई बार तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर, अस्थमा से ग्रसित मरीजों के लिए यात्रा बिल्कुल भी आसान नहीं रहती है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलेजा भट्ट का कहना है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने की शिकायत आती है। यदि कोई यात्री पहले से किसी बीमारी से ग्रसित है तो उन्हें मेडिकल चेकअप कराकर डॉक्टर की सलाह लेने के बाद यात्रा करने का फैसला ले। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डॉक्टर, पैरामेडिकल की टीमें तैनात हैं। यात्रा मार्गों पर चिकित्सा इकाईयों में डॉक्टरों के साथ दवाईयां, एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था है।