मुंबई- 8 नवंबर की रात से 1,000 रुपए और 500 रुपये के बैंक नोटों पर बैन लग चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि सरकार के इस फैसले के पीछे काले धन और जाली नोटों की बढ़ौतरी को बताया है। आरबीआई कहा है कि एक व्यक्ति जितने अधिक मूल्य की नकदी बदलता है, उसे उतने ही मूल्य के नोट अधिक मात्रा में मिलेंगे। जैसे की 500 रुपए के एक नोट के बदले उसे 100-100 रुपये के पांच नोट मिलेंगे। रिजर्व बैंक ने कहा है कि एक व्यक्ति को नकदी में 4,000 रुपये तक ही मिलेंगे और इससे ऊपर की रकम उसके खाते में जमा कर दिए जाएंगे लेकिन इस स्थिति में वह पूरी की पूरी रकम नकदी में नहीं पा सकता। पुराने नोटों को आरबीआई के 19 कार्यालयों में से किसी पर भी और किसी बैंक शाखा या किसी प्रधान डाक घर या उप डाक घर में बदले जा सकते हैं। जिन्हें 4,000 रुपये से अधिक की नकदी की जरूरत है, वह चेक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट, आईएमपीएस, क्रेडिट, डेबिट कार्ड आदि के जरिए इसका भुगतान कर सकता है। जिनके पास कोई बैंक खाता नहीं है, वे आवश्यक केवाईसी दस्तावेजों के साथ एक खाता खोल सकते हैं। जिस व्यक्ति के पास अपना खुद का निजी खाता नहीं है, वह रिश्तेदार या मित्र के खाते के जरिए नोटों को बदलने की सुविधा ले सकता है, बशर्तें उसे लिखित अनुमति लेनी होगी और नोट बदलते समय उसे खाताधारक द्वारा दी गई अनुमति का प्रमाण और अपना वैध पहचान प्रमाण उपलब्ध कराना होगा।
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