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हल्द्वानी सुशीला तिवारी हॉस्पिटल से भागा कोरोना पॉज़िटिव मरीज, पुलिस ने अल्मोड़ा से पकड़ा


हल्द्वानी: नैनीताल जिले और आस पास के इलाकों के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल को शुरुआत से ही कोविड के मरीजों के लिए रिजर्व्ड रखा गया था। पिछले आठ महीने में एसटीएच से कई अच्छी तो कई खराब ख़बरें भी सामने आई हैं। एक तरफ इलाज कर रहे चिकित्सकों की तारीफ हुई है तो वहीं दूसरी तरफ समय समय पर हॉस्पिटल प्रबंधन पर लोगों द्वारा खासा गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं। बहरहाल लॉकडॉउन की तरह ही, एक बार फिर एक बुज़ुर्ग के अस्पताल से लापता होने की खबर काफी तेज़ी से सबको परेशान करने की जिम्मेदारी निभा रही है।

दरअसल सुशीला तिवारी अस्पताल में कुछ रोज़ पहले ही भर्ती हुआ एक कोरोना संक्रमित बुजुर्ग मौका देख कर हॉस्पिटल से भाग खड़ा हुआ। जिसके बाद अस्पताल और पुलिस में काफी भागदौड़ मच गई थी। हालांकि अब पुलिस ने उसे अल्मोड़ा में उसके घर से बरामद कर लिया है। कोविड के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आरोपित के खिलाफ कोविड एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है। अस्‍पताल से भागे बुजुर्ग के पकड़े जाने के बाद अस्‍पताल प्रशासन और पुलि‍स ने चैन की सांंस ली है।

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कोतवाली पुलिस ने मामलेे की विस्तृत जानकारी दी। जानकारी के मुताबिक अल्मोड़ा स्थित शिखर होटल के नज़दीक रहने वाले 65 वर्षीय खड़क सिंह हाल ही में हुए कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट में पॉज़िटिव पाए गए थे। जिसके बाद उन्हें हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया था। यहां वे एसटीएच के कोविड वार्ड में भर्ती थे। मगर बुधवार देर शाम को हर किसी की नजरों से बचते हुए खड़क सिंह अपने वार्ड से बाहर निकल गए और अस्पताल से भाग निकले

जिसके बाद अस्पताल प्रसाशन ने मेडिकल पुलिस चौकी को मामले के बारे में सूचित किया। संक्रमित बुजुर्ग के भागने से पुलिस और अस्पताल, दोनों ही महकमों में काफी हड़कंप मच गया। चौकी इंचार्ज मनवर सिंह बिष्ट ने बताया कि एक टीम अल्मोड़ा में उनके घर पर भी भेजी गई थी, जहां खड़क सिंह भाग कर पहुंचे हुए थे। फिलहाल उन्हें एम्बुलेंस से हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल लाया जा रहा है। वहीं, चौकी इंचार्ज की तहरीर पर खड़क सिंह पर कोविड एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जा रहा है।

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प्रशासन में हड़कंप मचना इसलिए भी लाजमी था क्योंकि सुशीला तिवारी अस्पताल में इस तरह की कई घटनाओं ने लाकडाउन के दौरान अंजाम लिया था। लाकडाउन में तकरीबन दस से भी अधिक लोग अस्पताल से गायब हुए थे। जिसमें पांच बंदी भी शामिल थे। इसके अलावा काठगोदाम की रहने वाली एक महिला ने एसटीएच से घर पहुँच कर खूब हंगामा भी मचाया था। हालांकि सभी को पुलिस ने बरामद कर लिया था।

इसके अलावा भी कुछ घटनाएं थी जिसने अस्पताल प्रबंधन को सवालों के कठघरे में का खड़ा किया था। रामनगर के एक बुजुर्ग की लापता होने के 24 घंटे बाद अस्पताल के ही बाथरूम में लाश मिली थी। तब उनके बेटे ने अस्पताल प्रसाशन पर लापरवाही का आरोप भी लगाया था।

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