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90 प्रतिशत लोग प्रदूषित हवा में ले रहे सांस:WHO


नई दिल्ली।  प्रदूषण ने वातावरण को पूरी तरह से अपनी जहरीली तत्वों से घेर लिया है। प्रदूषण की समस्या से पूरा विश्व ग्रस्त है निजात पाने के लिए तरह-तरह के उपाय खोज रहा है। WHO द्वारा जारी रिपोर्ट ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की 90 प्रतिशत जनसंख्या प्रदूषित हवा में सांस ले रही है। रिपोर्ट की माने तो 10 व्यक्तियों में से 9 खराब गुणवत्ता की हवा में सांस ले रहे हैं। वही वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में से 90 प्रतिशत मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में ज्यादा होती हैं।

वहीं, तीन मौतों में से दो मौतें भारत और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रों सहित डब्ल्यूएचओ के दक्षिणपूर्वी एशिया में होती हैं।डब्ल्यूएचओ के जनस्वास्थ्य और पर्यावरण विभाग प्रमुख मारिया नीएरा ने कहा कि यह जनस्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक स्थिति है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदूषण का मुख्य कारण फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुंआ, घरों का ईधन,गाड़ियों से निकल रहा धुंआ और कूड़े का जलना है। WHO ने साफ कहा कि है कि इस तरह की गतिविधियों को रोकना जरूरी है।

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रिपोर्ट के अनुसार 94 फीसद मौतें गैर संचारी बीमारियों से होती हैं जिसमें मुख्य तौर पर हृदय रोग, फेफड़े के रोग, फेफड़े का कैंसर शामिल हैं। वायु प्रदूषण से श्वास संक्रमण का खतरा बढ़ाता है।डब्ल्यूएचओ दक्षिणपूर्वी एशियाई क्षेत्र के बयान में कहा गया कि वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए विश्व का सबसे बड़ा पर्यावरणीय खतरा है और इसका समाधान प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए क्योंकि इसका बढ़ना जारी है जिससे दीर्घकालिक बीमारी होती है और डब्ल्यूएचओ दक्षिणपूर्वी एशियाई क्षेत्र में करीब 799000 मौतें प्रतिवर्ष होती हैं।डब्ल्यूएचओ दक्षिणपूर्वी एशियाई क्षेत्र ने डब्ल्यूएचओ की परिवेशी वायु प्रदूषण रिपोर्ट 2016 को उद्धृत करते हुए कहा कि भारत में 621138 लोगों की मौत एक्यूट लोअर रेसपीरेटरी इंफेक्शन, क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पलमोनरी डिसार्डर, इस्केमिक हर्ट डीजीज और फेफड़े के कैंसर से हुई। यद्यपि भारत का यह आंकड़ा 2012 का हैृ।

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