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उत्तराखंड सरकारी स्कूलों की बड़ी लापरवाही, प्रमोशन के लिए भेज दिए मृत शिक्षकों के नाम


अल्मोड़ा: यूं तो सरकारी सिस्टम से लापरवाही की खबर सामने आना कोई नई बात नहीं है मगर इस बार की लापरवाही बड़ी और विचित्र है। अब देखिए ना राजकीय स्कूलों से प्रमोशन के लिए शिक्षकों के नाम मांगे गए तो दिवंगतों के नाम भेज भी भेज दिए गए। ऐसे में अब अधिकारी कह रहे हैं कि सूची को अपडेट करेंगे।

दरअसल राजकीय हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर प्रमोशन के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक उत्तराखंड ने एलटी प्रवक्ताओं की प्राइवेट रिपोर्ट मांगी। बता दें कि हर दस साल में यह रिपोर्ट मांगी जाती है। अब गड़बड़ी यह हुई कि रिपोर्ट के लिए बनाई गई सूची को अपडेट ही नहीं किया गया।

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जी हां, और इस लापरवाही से सूची में ऐसे नाम भी शामिल रहे जिनमें से कुछ प्रधानाचार्य पद पर तैनात हैं या फिर कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कुछ शिक्षक तो इसमें ऐसे भी हैं जो दिवंगत हो चुके हैं। कर्मचारियों की यह लापरवाही चर्चा का विषय बन गई है।

इस सूची में शामिल अंकित राजेंद्र सिंह बिष्ट जीआइसी पेटशाल से 31 मार्च 2021 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उनके सेवा विस्तार के बाद की जन्मतिथि भी गलत दर्ज की गई है। इनके अलावा रोशनलाल टम्टा राजकीय इंटर कालेज (प्रेम विद्यालय) ताड़ीखेत में प्रधानाचार्य के पद पर पिछले कई सालों से कार्यरत हैं। 

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साथ ही जन्मतिथि के अनुसार 31 मार्च 2021 को जीआइसी असगोली से सेवानिवृत्त हो चुके मोहन चंद्र पाठक, करीब 5 वर्ष पूर्व दिवंगत हो चुके राजकीय इंटर कालेज भगतोला के अंकित हेमचंद्र जोशी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। ऐसे में लापरवाही के साथ यह उन वरिष्ठ प्रवक्ताओं के साथ अन्याय भी है जिन्हें पहले के प्रवक्ताओं के नाम शामिल रहने से सूची में जगह नहीं मिली। साफ तौर पर करे कोई और भरे कोई का खेल चल रहा है।

इस मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा हर्ष बहादुर चंद ने स्पष्ट किया कि निदेशालय स्तर से गोपनीय आख्या मांगी गई है। बताया कि सूची में वरिष्ठता के आधार पर नाम दिए गए हैं। सूची में दिए गए नामों के आगे उनकी स्थिति को स्पष्ट कर सूची को अपडेट कर दिया जाएगा।

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