हल्द्वानी, मंथन रस्तोगी: जब वक्त कठिन होता है तो सबसे ज्यादा काम और कुछ नहीं बल्कि आपका धैर्य आता है। धैर्य रखने से हर मुसीबत का सामना किया जा सकता है। धैर्य के साथ अनुशासन (Patience and discipline) मिले तो रास्ता आसान हो जाता है। हमने यही तो कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में किया था।
याद कीजिए, पहली और दूसरी लहर (Corona first and second wave) सिर्फ शासन प्रशासन या चंद लोगों के प्रयास से थोड़े ही ना खत्म हुई थी। इसमें आपने और हमने भी भागीदारी की थी। भागीदारी इस तरह कि हमनें लापरवाही को खुद के और कोरोना संक्रमण के बीच में नहीं आने दिया था। दूसरी लहर ने पहली लहर के भी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।
मगर वो बुरा वक्त भी हमने साथ में रहकर गुजार दिया। हम साथ में रहकर हर वक्त गुजार सकते हैं। अब बीते कुछ दिनों से फिर से कोरोना का खतरा बढ़ने लगा है। उधर, साउथ अफ्रीका में नया वैरिएंट (South Africa new Corona variant) ओम्रीकोन मिलने से हड़कंप मच गया है। विदेश से आने वाले लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। उत्तराखंड में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।
मगर मुद्दा ये है कि इस वायरस को लेकर भारत में अलग ही हलचल हो गई है। जबकि अभी घबराने वाली बात नहीं है। क्योंकि इस तरह से पैनिक वाले केसेज अभी सामने नहीं आए हें। इधऱ, उत्तराखंड मे भी डर (Corona scare in Uttarakhand) का माहौल पैदा हो गया है। अच्छा है कि प्रशासन ने अलर्ट मोड ऑन कर दिया है।
गौरतलब है कि आप में से कई लोग भी पैनिक कर रहे होंगे। लेकिन याद रखिए हमें सिर्फ प्रशासन द्वारा बताए गए नियमों की पालना करनी है। कोविड गाइडलाइन (Follow covid guidelines) को मानना है। मास्क पहनकर घरों से निकलना है। सामाजिक दूरी बनाने के साथ साथ हाथों को सैनिटाइज करते रहना है। अगर धैर्य और अनुशासन से काम लिया जाएगा तो ये वक्त भी निकल जाएगा।