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हिमाचल प्रदेश चुनाव से पहले भाजपा का चौकाने वाला कदम, विरोधी परेशान

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी राजनीतिक दल अपने दावेदारी पेश करने के लिए तैयारियों में जुट गए है। चुनाव में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा काम किया है ,जिससे वह पिछले कई वक्त से कतराती है। भाजपा ने सीएम उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को भाजपा ने एक बार फिर मौका देते हुए भरोसा जताया है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेम कुमार धूमल के नाम की घोषणा की है। इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी वीरभद्र सिंह को अपनी पार्टी का सीएम उम्मीदावर घोषित किया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल अपनी पारंपरिक सीट हमीरपुर के बजाए सुजानपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की सुजानपुर विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई।2012 विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र के अंदर 65,006 मतदाता थे।अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर राज्य की दोनों बड़ी पार्टियां कब्जा जमाने में नाकाम रही थीं। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार राजिंदर सिंह ने 14,166 मतों से जीत हासिल कर दोनों खेमों में खलबली मचा दी थी।लेकिन इस बार भाजपा के दिग्गज नेता और दो बार के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने सुजानपुर विधानसभा से नामांकन दाखिल कर कांग्रेस और मौजूदा विधायक की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

73 साल के प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर विधानसभा सीट से नुमाइंदगी करते रहे हैं। 1984 में पहली बार धूमल ने लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 1989 के लोकसभा चुनाव में वह हमीरपुर सीट से विजयी हुए।

1991 में एक बार फिर धूमल ने हमीरपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद भाजपा ने उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। 1996 के लोकसभा चुनाव में हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा-हिमाचल विकास कांग्रेस की गठबंधन सरकार में पहली बार उन्होंने सीएम की कुर्सी संभाली। मार्च 1998 से मार्च 2003 तक वह प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद दिसंबर 2007 से दिसंबर 2012 तक वह दोबारा मुख्यमंत्री रहे।

इससे पहले घोषणापत्र जारी करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि किसी बेहद अनुभवी नेता को ही राज्य में जिम्मेदारी दी जाएगी। हालांकि, तब उन्होंने कहा था कि यह फैसला पार्टी करेगी कि उम्मीदवार का नाम पहले घोषित किया जाएगा या चुनाव के बाद तय किया जाएगा।इससे पहले भाजपा ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम कैंडिडेट नहीं घोषित किया था। लेकिन हिमाचल चुनाव में भाजपा ने रणनीति बदलते हुए पहले ही सीएम कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है।

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