चमोली: सात फरवरी को ऋषि गंगा से हुई भयंकर आपदा को भला कौन भुला सकता है। इस जल प्रलय ने ऐसे दृश्य दिखाए थे, जिन्हें देख कर ही रूह कांप उठी थी। कई लोग मारे गए थे। बहरहाल अब ऋषिगंगा के उद्गम स्थल के ग्लेशियर में दरारों की आशंका जताई गई है। जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है। इसी की सुध लेते हुए जिला प्रशासन ने एसडीआरएफ और आईटीबीपी के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है।
दरअसल पास के ग्रामीण हाल ही में ग्लेशियर क्षेत्र के पास का भ्रमण करने गए थे। आपको बता दें कि यह वही जगह है जहां बीती सात फरवरी को प्रलय आई थी। अब स्थानीय लोगों को जो दिखा, उससे उनमें डर बैठ गया। वहां अभी भी ग्लेशियर में दरारें पड़ी हुई हैं, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में अनहोनी की आशंका बनी हुई है।
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ग्रामीणों ने इस बारे में प्रशासन को अवगत कराया। अब मामले में शुक्रवार को डीएम स्वाति एस भदौरिया ने एक्शन लिया है। जिलाधिकारी ने एसडीआरएफ और आईटीबीपी के अधिकारियों को लगातार क्षेत्र में मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। कहा कि ग्लेशियर क्षेत्र में लगातार निगरानी बनाएं रखें।
डीएम का कहना है ग्रामीणों के कुछ वीडियो द्वारा पता चला कि ऋषिगंगा के उद्गमस्थल के पास ग्लेशियर में दरारें पड़ने की संभावना है। गांववासी इस कारण अनहोनी होने की आशंका जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार के स्तर पर बात की गई है। प्रभावित क्षेत्र में शीघ्र एक टीम भेजी जाएगी। यदि कुछ भी तथ्य सामने आते हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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इधर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम ऋषि गंगा क्षेत्र में हाल में हुई आपदा के बाद से ही मुस्तैद है। अब आईटीबीपी व एसडीआरएफ की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। ग्रामीण पूरण सिंह राणा ने मांग की है कि ऋषिगंगा के उद्गम में ग्लेशियर पर अध्ययन कर सब तथ्यों को सार्वजनिक किया जाए। जिससे ग्रामीणों को बार-बार अपने घर न छोड़ने पड़े।
गौरतलब हो कि बीती सात फरवरी को उत्तराखंड में चमोली जिले के रैणी गांव में आपदा आई थी। उस वक्त ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण भयानक जलप्रलय आई थी। वहीं, अब उसी क्षेत्र में बने ग्लेशियर में भी दरारें दिखी हैं। इस वजह से इस बार प्रशासन किसी भी कीमत पर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।
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