देहरादून: प्रदेश में अगर बच्चों ने पढ़ाई बीच में छोड़ी तो उनको बकायदा ट्रैक किया जाएगा। ट्रैक कर पूरी हकीकत पता की जाएगी कि आखिर ये फैसला क्यों लिया। इस बारे में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
देखा जाए तो स्कूली शिक्षा का महत्व हर जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण होता है। स्कूलों से ही बेसिक गुण बच्चों के अंदर पनपते हैं। ऐसे में कई बच्चे आर्थित स्थिति या किन्हीं और कारणों से पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए केंद्र सरकार खासे अलर्ट मोड में है।
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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने राज्य में स्कूली बच्चों के नामांकन के बाद स्कूल छोड़ने की दर की हकीकत जानने के लिए चाइल्ड ट्रेकिंग करने के निर्दश जारी किए हैं। इसके अलावा ऑनलाइन पढ़ाई हेतु फोन या टेबलेट की उपलब्धता का डाटा भी जुटाने के कहा है।
कोरोना काल के मद्देनज़र बच्चों की सुरक्षा व स्वच्छता पर ध्यान देने के लिए विद्यालय प्रबंधन समितियों (एसएमसी) को जागरूक करने का प्लान भी बनाया गया है। मंगलवार को हुई बैठक में तय हुआ कि कक्षा एक से आठ तक के उन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना होगा, जिन्होंने पढ़ाई नामांकन के बाद बीच में छोड़ दी।
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