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उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों को सीएम धामी तोहफा, 7 घंटे की यात्रा मिनटों में पूरी होगी

देहरादून: उत्तराखण्ड में केंद्र और राज्य सरकार की जुगलबंदी के चलते प्रदेश में कनेक्टीविटी पर लगातार काम हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्लानिंग प्रदेश के रेल, रोपवे, रोड कनेक्टीविटि के साथ ही एयर कनेक्टीविटि को मजबूत कर रही है।

प्रदेश के प्रमुख चारधाम यात्रा मार्ग के साथ ही टनकपुर- पिथौरागढ़ की सड़क कनेक्टीवीटी में सुधार के लिए चारधाम ऑलवेदर सड़क परियोजना का अधिकतर काम किया जा चुका है। इसके साथ ही दिल्ली – देहरादून एलिवेटेड रोड बनने से दिल्ली से देहरादून केवल 2 घंटे में सफ़र पूरा किया जा सकेगा।

कुमाऊँ और गढ़वाल के बीच दूरी कम करने के लिए नजीबाबाद अफजलगढ़ के बाईपास की स्वीकृति भी हो चुकी है। मुख्यमंत्री धामी ने विशेष प्रयासों से मझौला-खटीमा, सितारगंज- टनकपुर मोटर मार्ग को फ़ोर लेन की स्वीकृति दी जा चुकी है। इधर केंद्र सरकार से पौंटा साहिब – देहरादून, बनबसा – कंचनपुर, भानियावाला – ऋषिकेश, काठगोदाम-लालकुंआ-हल्द्वानी बाईपास और रूद्रपुर बाईपास परियोजनाओं की महत्वपूर्ण सौगात भी दी है। इतना ही नहीं देहरादून और मसूरी में विश्व स्तरीय ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये भारत सरकार द्वारा 1750 करोड़ की परियोजना स्वीकृत |

पहाड़ों में रेल का सपना होगा पूरा

उत्तराखण्ड की शांत वादियों में जल्द रेल के इंजन की आवाज़ सुनी जा सकेगी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। जिसे 2024-25 तक पूरी होने की उम्मीद है। इसके साथ ही टनकपुर-बागेश्वर और डोईवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री रेललाइन के सर्वे पर भी राज्य सरकार के प्रयासों के बाद रेल मंत्रालय ने सहमति जाता दी है। हरिद्वार – देहरादून रेललाइन को भी मल्टीगेज करने पर भी केंद्र सरकार द्वारा सहमति ।

स्वास्थ्य और पर्यटन को बल देगी मज़बूत एयर कनेक्टिविटी

उत्तराखण्ड में मज़बूत एयर कनेक्टिविटी पर्यटन और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती प्रदान करेगी। उत्तराखण्ड पहला राज्य हैं जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस शुरू की गई । उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विभाग (यूकाडा) को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के सफल संचालन के लिए वर्ष 2020 में मोस्ट प्रो-एक्टीव स्टेट से सम्मानित भी किया जा चुका है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से देहरादून अल्मोड़ा – पिथौरागढ़ हैली सेवा की शुरूआत की जा चुकी है।

रोपवे कनेक्टीविटि से मज़बूत होगी अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल में ही 21 अक्टूबर को गौरीकुण्ड – केदारनाथ और गोविंदघाट -हेमकुण्ट साहिब रोपवे की आधारशिला रखी गई है। गौरीकुण्ड – केदारनाथ रोपवे परियोजना ( लागत 1267 करोड़ रूपये, लम्बाई 9.7 किमी) से 6 से 7 घंटे की कठिन यात्रा आधे घंटे में पूरी हो सकेगी। वहीं सिक्ख समुदाय के पवित्र धाम हेमकुण्ट साहिब जाने के लिए गोविंदघाट -हेमकुण्ट साहिब रोपवे ( लागत 1163 करोड़ रूपये, लम्बाई 12.40 किमी) के बन जाए से 1 दिन की यात्रा केवल 45 मिनिट में पूरी हो सकेगी।

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