
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों फुल फॉर्म में हैं। तेज़ रफ्तार फैसले, लगातार बैठकें और विकास कार्यों की जमीनी प्रगति पर सख्त निगरानी के जरिए उन्होंने साफ कर दिया है कि प्रदेश सरकार का मकसद सिर्फ फाइलें देखना नहीं, बल्कि जनता को गुड गवर्नेंस देना है।
बीते दो दिनों में सीएम धामी ने लोक निर्माण, परिवहन, उद्योग, नागरिक उड्डयन, सूचना प्रौद्योगिकी, शहरी विकास और ग्रामीण विकास जैसे अहम विभागों की गहन समीक्षा कर अधिकारियों से टाइमबाउंड एक्शन प्लान मांगा। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि अब सिर्फ फाइलें खंगालने का नहीं…ज़मीन पर नतीजे देने का समय है।
धामी सरकार ने इन विभागों की कुछ योजनाओं को ‘गेमचेंजर योजनाओं’ का दर्जा दिया है…जिन पर मुख्यमंत्री खुद नजर रख रहे हैं। सीएम का मानना है कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से उत्तराखंड का भविष्य बदल सकता है और प्रदेश विकास, पर्यटन, निवेश और बुनियादी ढांचे में राष्ट्रीय रोल मॉडल बन सकता है।
मुख्यमंत्री ने अफसरों को दो टूक हिदायत दी अगर योजनाओं की रफ्तार धीमी पड़ी या जनता को सीधे लाभ नहीं मिला…तो जिम्मेदारी तय होगी। साथ ही उन्होंने मॉनिटरिंग में तकनीक के इस्तेमाल, बेस्ट प्रैक्टिस, इनोवेशन और फील्ड विजिट पर भी ज़ोर दिया।
सीएम धामी की यह सक्रियता सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन से जुड़ी है…जिसमें उन्होंने इस दशक को उत्तराखंड का दशक कहा था। मुख्यमंत्री की कोशिश है कि यह सपना सिर्फ कागजों में न रहे…बल्कि जमीन पर दिखे भी।
प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए सीएम धामी ने 24 गेमचेंजर योजनाओं को फोकस में रखा है जिनमें कृषि, पशुपालन, पर्यटन, शहरी विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, ऊर्जा, ग्राम्य विकास जैसे विभाग शामिल हैं। इन योजनाओं की प्रगति की सीएम खुद समीक्षा कर रहे हैं और समय-समय पर नए निर्देश भी जारी करते हैं।
