हल्द्वानी: मेहनत करने वालों को जितना ज़्यादा उचित फल की उम्मीद होती है उतनी ही ज़्यादा वो फल नसीब होने के बाद उन्हें प्रोत्साहन भी चाहिए होता है। वैसे तो प्रतिभा को किसी का मोहताज होने की जरूरत नहीं है। मगर प्रतिभा को विश्वास की और प्रोत्साहन की खासा आवश्यकता होती है। ज़रूरत होती है आगे बढ़ने के लिए, और उनके आयाम हासिल करने के लिए। इसलिए उत्तराखंड सरकार एक योजना लेे कर आ रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा प्रतिभावान छात्रों के लिए मुख्यमंत्री मेधावी छात्र पुरस्कार योजना वाकई एक सफल प्रयास साबित होगा। ऐसा कहने में कोई संकोच इसलिए भी नहीं है, क्योंकि सरकार द्वारा टॉपरों को सम्मानित किया जाना, उनके पंखों में और उड़ान भरने का काम करेगा। इस योजना के मुताबिक स्नातक और स्नाकोत्तर अंतिम वर्ष में 60 फीसदी से ज़्यादा अंक लाने वाले छात्रों को लाभ मिलेगा।
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लाभ यानी पुरूस्कार, पुरूस्कार यानी प्रोत्साहन। बता दें कि इसके लिए विद्यार्थियों का चयन विश्वविद्यालय स्तर पर होगा। पुरूस्कार के रूप में स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र के साथ साथ टॉपरों को धनराशि भी जारी की जाएगी। यह पुरस्कार विश्वविद्यालय स्तर पर कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले तीन-तीन विद्यार्थियों को चुना जाएगा।
योजना के क्रियान्वयन के लिए उच्च शिक्षा अनुभाग के प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन द्वारा उच्च शिक्षा निदेशक को उक्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि फिलहाल के लिए यह पुरस्कार योजना राज्य के दो है विश्वविद्यालयों में लागू होगी। जिसमें श्री देव सुमन विश्वविद्यालय टिहरी गढ़वाल और कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल शामिल हैं।
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बहरहाल स्नातक अंतिम वर्ष में विवि स्तर पर पहले स्थान वाले को 50 हज़ार, दूसरे स्थान वाले को 30 हज़ार और तीसरे स्थान वाले को 15 हज़ार रुपए का ईनाम मिलेगा। जबकि स्नाकोत्तर में यह राशि पहले स्थान के लिए 75 हज़ार, दूसरे स्थान के लिए 60 हज़ार और तीसरे स्थान के लिए 30 हज़ार रखी गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि जहां 60 फीसदी से कम अंक लाने वाले विद्यार्थी इस पुरस्कार के लिए मान्य नहीं होंगे तो वहीं स्नातक या स्नातकोत्तर के प्राइवेट विद्यार्थियों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इसके अलावा सुधार परीक्षा, बैक परीक्षा में संशोधित अंक नहीं माने जाएंगे, किसी कक्षा में ड्राप विद्यार्थी को लाभ नहीं मिलेगा और एक से अधिक विषयों में अलग-अलग डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी भी फायदा नहीं उठा सकेंगे।
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