Uttarakhand News

अच्छी खबर: 71 किमी लंबी रोड का निर्माण,कुमाऊं और गढ़वाल की दूरी होगी कम

देहरादून:उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में मिलम से मलारी तक नई सड़क बनाई जाएगी। सड़क के निर्माण से कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के बीच की दूरी भी कम होगी। आईटीबीपी, वन विभाग और सीपीडब्ल्यूडी ने रोड के निर्माण के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। 71 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी।  रोड मुनस्यारी के मिलम से शुरू होकर जोशीमठ के मलारी क्षेत्र तक पहुंचेगी। सबसे अहम इससे सेना की चीन बॉर्डर तक पहुंच आसान होगी।

यह भी पढ़ें:अच्छी खबर: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा, कोरोना वैक्सीन साल के अंत तक आएगी

यह भी पढ़ें:नैनीताल: जम्मू कश्मीर में गढ़वाल राइफल के जवान यशपाल सिंह रावत की मौत

मुनस्यारी का मिलम और जोशीमठ का मलारी क्षेत्र चीन बॉर्डर से सटा है। इस तरह यह सड़क सिर्फ सुविधा ही नहीं बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बेहद अहम साबित होगी। बताया जा रहा है कि सड़क सर्वे में 2 हफ्ते का वक्त लग सकता है। पिछले बुधवार से सर्वे शुरू हुआ था। सड़क का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत होगा। इस रोड से गुंजी और ज्योलिंगकांग को भी जोड़ने की योजना है। रोड बनने से कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले और गढ़वाल के सीमावर्ती जिले चमोली में संचार सेवाएं मजबूत होंगी।

बता दें कि भारत-चीन के लंबे वक्त से तनातनी चल रही है। गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झडप और बॉर्डर में हलचल अच्छे संकेट नहीं दे रहे हैं। सीमा पर माहौल तनावपूर्ण है। चीन ने जैसे कई देशों के साथ चालाकी की है, वह भारत के साथ भी कर रहा है लेकिन भारतीय सेना झुकने का नाम नहीं ले रही है। भारत ने सीमा पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।  भारत-चीन संबंधों में हो रही खटास का असर भारत में भी दिख रहा है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड:ITBP की बस अनियंत्रित होकर घर की छत पर पहुंची, इसे चमत्कार कहिये

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अजब-गजब, शादी के लिए प्रेमिका ने प्रेमी के घर पर दिया धरना

राज्य का उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिले के सीमावर्ती क्षेत्र चीन बॉर्डर से सटे हैं। इन इलाकों को भी छावनी में तब्दील बदल दिया गया है। इस लिहाज से भी इसे अहम माना जा रहा है। रोड के निर्माण से बॉर्डर के इलाकों में सेना की आवाजाही में भी आसानी से हो पाएगी। इससे बुडा दुंग, परीताल, उंटा धूरा, टोपी डूंगा, बावन बैंड, लपथल, बमरास और मलारी जैसे कई गांव सड़क सेवा से जुड़ जाएंगे। ये सभी गांव चीन सीमा से महज 10 किमी दूर हैं।

To Top