हल्द्वानी:जिले मे बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं मुहिम को अलग तरीके से आगे बढ़ाने का कदम प्रशासन ने उठाया है। इसकी शुरुआत खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नैनीताल पहुंचकर की। अब घरों की पहचान घर की बड़ी बेटी के नाम से होगी। नैनीताल की बात करें तो करीब आठ हजार चयनित घरों का चयन भी हो गया है। राज्य की पारंपरिक लोक कला ऐपण से सजी नाम पट्टिका-तख्ती भी लगी होगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यालय में ‘घरैकि पहचाण-चेलिक नाम’ योजना का शुभारंभ किया और इसे महिला सशक्तीकरण की अन्य योजनाओं से जोड़ते हुए कहा कि उनकी सरकार महिलाओं को पूरी तरह से सशक्त करने की पक्षधर है।
जिला प्रशासन की योजना के अनुसार ब्लॉक के सभी घरों में इस योजना को लागू किया जाएगा। इसमें प्रत्येक घर से एक बेटी का नाम लिया जाएगा और उसको एक नेम प्लेट में लिखा जाएगा । इस नेम प्लेट को सांस्कृतिक विरासत प्रमुख, लोक कला ऐपन शैली से सजाया गया है। इसमें बेटी के नाम के साथ घर का पूरा पता लिखाया गया है । इस नेम प्लेट का निर्माण भी प्रशासन ही करा रहा है ।
वहीं ऐपण से बनी नेम प्लेट पहाड़ के लोगों को खूब भा रही है। सरकारी कार्यालयों में भी ऐपण से बनी नेम प्लेट लगने लगी है। घरों में नेम प्लेट बनाने को लेकर लोग काफी उत्साहित हैं और जिसके चलते डिमांड भी बढ़ गई है। केवल उत्तराखंड ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग भी इसकों मंगवा रहे हैं। ऐपण वाली नेम प्लेट की डिमांड केवल बेटियों को पहचान नहीं दे रही है बल्कि उनके व्यापार को भी आगे बढ़ा रही है। ऐपण कला का कार्य महिलाएं द्वारा किया जाता है और डिमांड बढ़ने से इस कार्य से जुड़ी महिलाओं की अच्छी आमदनी होगी।
इस बारे में पर्वतजन आर्ट की संस्थापक अभिलाषा पालीवाल ने कहा कि यह मुहिम शानदार है। यह घरों में बेटियों की पहचान के अलावा उनके कार्य को भी आगे ले जा रही है। पिछले कुछ वक्त से ऐपण से बनी नेम प्लेट लोगों को आकर्षित कर रही है और उनकी डिमांड भी बढ़ी है। केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में ऐपण वाली नेम प्लेट को हम लोग बेच चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस तरीके से ऐपण को केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में पहचान मिलेगी।