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नैनीताल DSB की डॉ. लोहनी ने मकड़ी पर किया अनोखा शोध, मिला यंग साइंटिस्ट अवार्ड

नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय में प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं के साथ साथ होनहार शिक्षकों की भी कमी नहीं है। कहना लाजमी होगा कि कई मौकों पर विवि के शिक्षक ही बच्चों की प्रेरणा का बड़ा कारण बनते हैं। इस बार विश्वविद्यालय की एक असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. लोहनी को इसलिए यंग साइंटिस्ट के अवार्ड से नवाजा गया है क्योंकि उन्होंने मकड़ी पर एक अनोखा शोध किया था।

आपको बता दें कि रांची में आयोजित सातवें इंटरनेशनल कांफ्रेंस इन हाइ्ब्रिड मोड आन ग्लोबल रिसर्च इनिशिएटिव फोर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर एंड एलाइइ साइंस के इंटरनेशनल कांफ्रेंस में डीएसबी परिसर, नैनीताल में जंतु विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा हिमांशु पांडे लोहनी ने स्पाइडर पर अनोखा शोध प्रस्तुत किया। जिसके लिए डॉ. लोहनी को यंग साइंटिस्ट का अवार्ड भी मिला है।

इस शोध के द्वारा डॉ. लोहनी ने बताया कि मकड़ी बायो कंट्रोल एजेंट है। यह एग्रो ईको सिस्टम के लिए बेहद लाभकारी है। मकड़ी तमाम इंसेक्टिसाइड्स को मात दे सकती है। इसके अलावा दुनियां में पाई जाने वाली स्पाइडर की करीब पांच लाख प्रजातियों में से करीब 49 हजार प्रजातियां 2021 के कैटलॉग में शामिल हैं। भारत में सेल्टी साइडी परिवार की 192 प्रजातियां तथा थोमी साइडी परिवार की मकड़ी पाई जाती हैं।

गौरतलब है कि डॉ. लोहनी ने टीम के साथ दो चरणों में यह शोधकार्य पूरा करेंगे। पहले चरण में उन्होंने नैनीताल के खुर्पाताल, मंगोली से कालाढूंगी की बेल्ट तक स्पाइडर पर शोध कार्य किया है। जबकि दूसरे चरण में मुक्तेश्वर बेल्ट में शोध होना है। शोध में पता चला कि मकड़ी फसलों के लिए प्राकृतिक कीटनाशक का काम करती है। इंटरनेशनल कांफ्रेंस में शोध के लिए डॉ हिमांशु पांडे लोहनी को यंग साइंटिस्ट अवार्ड मिला है।

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