नई दिल्ली: देश में कोरोना टीकाकरण अभियान जनवरी से चल रहा है। अब टीका लगाने के बाद पहली मौत की खबरें सामने आई हैं। इसकी पुष्टि खुद केंद्र सरकार द्वारा गठित टीम ने की है। टीम ने बताया कि 68 साल के बुजुर्ग की मौत टीका लगाने के कारण हुई है। इसके पीछे के कारण को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है।
AEFI के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित टीम ने टीका लेने के बाद हुई 31 मौतों की जांच की। जिसमें 68 साल के बुजुर्ग में टीका लगने के बाद एनाफिलैक्सीस से मौत की पुष्टि हुई है। बता दें कि ये एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन होता है। बुजुर्ग को 8 मार्च 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगी थी और कुछ दिन बाद ही उनकी मौत हो गई थी।
कुल 31 मौतों की जांच में टीम को दो मौतों में कुछ शक हुआ है। हालांकि अभी तक ऐसे कोई ठोस सबूत नहीं हैं जो उनमें वैक्सीन से मौत होने की पुष्टि करें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह भारत में वैक्सीन के कारण हुई पहली मौत है, जिसकी पुष्टि हुई है। इसके अलावा 16 जनवरी और 19 जनवरी को 22 वर्षीय और 21 वर्षीय युवाओं में भी एनाफिलैक्सीस के केस आए थे मगर ये दोनों ही मरीज अस्पताल में भर्ती होने के बाद ठीक हो गए थे।
AEFI कमेटी के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा के मुताबिक हजारों में एकाध को एलर्जी से जुड़े रिएक्शन होते हैं। उन्होंने कहा, “अगर वैक्सीनेशन के बाद Anaphylaxis के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत इलाज की जरूरत है। 30 हजार से 50 हजार लोगों में से 1 को Anaphylaxis या गंभीर एलर्जी रिएक्शन दिखते हैं।” हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन के नुकसान नाम मात्र और फायदे ज्यादा हैं। इसलिए टीकाकरण से परहेज करना अच्छा तरीका नहीं।