देहरादून: भारत की सबसे बड़ी बैंक कहलाई जाने वाली स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक बार फिर सुर्खियों में है। चंद ठगों ने एसबीआई को दो लाख रुपए से भी अधिक का चूना लगाया है। हालांकि एटीएम मशीन से तकनीक का फायदा उठाकर धोखाधड़ी की गई मगर स्कैम 1992 भी कुछ कुछ याद आया है।
कोतवाली के इंस्पेक्टर मणिभूषण श्रीवास्तव से मिली जानकारी के मुताबिक डालनवाला में कान्वेंट रोड स्थित एसबीआइ की मुख्य शाखा के सहायक महाप्रबंधक कमलेश सिंह राणा ने बुधवार को तहरीर दी। जिसमें ये बताया कि बीते वर्ष 17 मार्च से पांच मई तक जिले में बैंक की विभिन्न एटीएम मशीन से धोखाधड़ी कर दो लाख 88 हजार रुपये निकाले गए हैं।
तहरीर में बैंक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मामले की जांच के बाद इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। दरअसल आरोपित मशीन में कार्ड स्वाइप करने के बाद धनराशि अंकित करते थे लेकिन धन निकासी के स्थान को हाथ से ढक देते थे।
अब 10 से 15 मिनट तक ऐसा करने पर सेंसर के काम नहीं करने की वजह से एटीएम आउट आफ सर्विस मोड में चला जाता है। जिस कारण रसीद में आहरित धनराशि के बजाय एरर का संदेश प्रिंट होकर आता है। जबकि हाथ हटाते समय ही रुपए बाहर आ जाते हैं।
इसके बाद आरोपित आरोपित बैंक में एरर वाली रसीद के साथ धन नहीं निकलने की शिकायत करते थे। नियमानुसार उनके खाते में धनराशि दोबारा जमा कर दी जाती थी। इस तरह डेढ़ माह में करीब 30 बार बैंक के साथ धोखाधड़ी की गई। जिसमें 2.88 लाख रुपये की चपत लगा दी। हो ना हो इस खबर को पढ़ कर आप को भी एक बार हर्शद मेहता स्कैम यानी स्कैम 1992 की याद आएगी।