हल्द्वानी: एक तरफ जहां एंबुलेंस चालक बड़े बड़े शहरों में ड्यूटी के नाम पर मोटी रकम मरीजों के तीमारदारों से वसूल रहे हैं। वहीं हल्द्वानी के एंबुलेंस चालक नारायण मेहरा दिनों-दिन बिना खाना खाए ही मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं और उनकी जान बचा रहे हैं। वे सिर्फ हल्द्वानी ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी क्रिटिकल मरीजों को इलाज के लिए ले जाने का काम कर रहे हैं।
हल्द्वानी देवलचौड़ निवासी नारायण मेहरा एंबुलेंस चालक हैं। एंबुलेंस चालक होना अपने आप में ही एक बड़ी जिम्मेदारी का काम है। अब ऐसे में कोरोना महामारी के बाद तो यह काम और भी जिम्मेदारी भरा बन गया है। नारायण मेहरा आइसीयू एंबुलेंस चलाते हैं। वे बताते हैं कि कोरोना काल की शुरुआत से ही वे कोविड ड्यूटी पर तैनात हैं।
पिछले साल जब अनलॉक हुआ तब उन्हें वैक्सीन की ड्यूटी पर लगाया गया था। इधऱ एक बार फिर संक्रमण बढ़ने नारायण मेहरा क्रिटिकल मरीजों के लिए एंबुलेंस को इधर से उधर दौड़ा रहे हैं। वह मरीजों को शहर के अस्पतालों में लाने के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ व बरेली के अस्पतालों तक ले गए।
जानकारी के अनुसार कोरोना काल से अब तक उनको करीब 30 बार दो-दो चक्कर दिल्ली या चंडीगढ़ के लिए लगातार लगाने पड़ गए। नारायण मेहरा बताते हैं कि कई बार तो ऐसा भी हुआ कि लॉकडाउन के कारण कहीं कुछ खाने पीने को नहीं मिला। ऐसे में पानी-कोल्ड ड्रिंक पीकर 72 घंटे लगातार भी उन्होंने एंबुलेंस चलाई है।
इतना ही नहीं देवभूमि एंबुलेंस सेवा समिति से जुड़े नारायण मेहरा शवों का निश्शुल्क दाह संस्कार भी कर रहे हैं। नारायण बताते हैं कि कई मृतकों को जलाने तक के लिए लोग नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में वह इन शवों का दाह संस्कार पीपीई किट पहनकर संस्था के माध्यम से निश्शुल्क करते हैं। वाकई ऐसे लोगों की वजह से ही समाज बचा हुआ है। ऐसे नेक दिल कर्मियों को हल्द्वानी लाइव नमन करता है।
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