हल्द्वानी: इस बार शहर का नाम खेल के लिहाज़ से रौशन हुआ है। हल्द्वानी के रहने वाली खिलाड़ी प्रशांत सिंह रावत ने भारत की टीम में जगह बना ली है। उन्हें बास्केटबॉल के एशिया कप के लिए राष्ट्रीय टीम में चुना गया है। बहरीन में होने जा रहे बास्केटबॉल एशिया कप के क्वालीफाइंग मैच के लिए सेलेक्ट की गई भारतीय टीम में प्रशांत उत्तराखंड से चुने गए अकेले खिलाड़ी हैं। इस बात से शहर भर में और उनके परिवारजनों में खासा खुशी की लहर है।
हल्द्वानी पीलीकोठी स्थित बाराही कालोनी निवासी शिक्षक नरेंद्र सिंह रावत के पुत्र प्रशांत सिंह रावत मशहूर बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं। उन्होंने पहली बार यह कारनामा नहीं किया है। वह इससे पहले भी भारतीय जूनियर टीम और भारतीय सीनियर टीम के लिए मैच खेल चुके हैं। अब तक वह पांच इंटरनेशनल मुकाबले खेल चुके हैं। 2019 में वह जूनियर इंडिया टीम से साउथ एशियन फेडरेशन गेम्स में स्वर्ण पदक व लुधियाना में 17वीं नेशनल बास्केटबाल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं।
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बता दें कि प्रशांत रावत एमबीपीजी कॉलेज में बीए पांचवे सेमेस्टर के छात्र हैं। वह दिसंबर से ही बैंगलुरू में ट्रेनिंग कैंप में हैं। प्रशांत के मुताबिक इन दिनों सीनियर इंडिया कैंप चल रहा है। जिसके तहत एशियन चैंपियनशिप के विंडो क्वालिफायर खेले जा रहे हैं।
2019 दिसंबर विंडो-वन : भारत की टीम का मुकाबला बहरीन और ईराक के साथ हुआ।
2020 फरवरी विंडो-टू : भारत का बहरीन से मुकाबला हुआ।
अब इसी कड़ी में विंडो-थ्री के तहत भारतीय टीम 19 फरवरी को ईराक व 21 फरवरी को लेबनान के साथ भिड़ेगी। भारतीय टीम की घोषणा शनिवार को बेंगलुरू में की गई। बहरहाल अब उत्तराखंड से एकमात्र खिलाड़ी का चयन भारतीय टीम में होना, हल्द्वानी के लिए भी गौरवपूर्ण पल हैं।
प्रशांत के पिता नरेंद्र सिंह रावत भी बास्केटबाल के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं। फिलहाल वे जेसीज पब्लिक स्कूल रुद्रपुर में शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। 20 वर्षीय प्रशांत की मां आशा रावत गृहिणी हैं। नरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि प्रशांत 2018 में भारतीय जूनियर टीम की ओर से दो मैच और 2019 व 2020 में भारतीय सीनियर टीम की तरफ से एक-एक इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं।
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