देहरादूनः उत्तराखंड में बड़ी टैक्स चोरी का मामला सामने आ रहा है। राज्य कर विभाग की टीम एसटीएफ ने देहरादून के दो कोचिंग संस्थानों से 50 लाख की टैक्स चोरी पकड़ी है। दोनों ही संस्थानों ने पांच करोड़ से कम का टर्न ओवर दिखाकर रिटर्न फाइल नहीं किया, जिसके बाद विभाग ने स्रोतों से कोचिंग संस्थानों के टर्न ओवर का पता लगाकर कार्रवाई की है। कार्रवाई के बाद विभाग ने 15 दिन के भीतर बकाया टैक्स राशि जमा करने का समय दिया है। कई ऐसे संस्थान , फर्म और कारोबारी कम टर्न ओवर दिखा के जीएसटी चोरी कर रहे है। पर अब विभाग ने सभी को अपनी रडार में लेना शुरू कर दिया है। आयुक्त कर एंव सचिव वित्त अमित नेगी के निर्देश पर एसटीएफ टीम ने शुक्रवार को देहरादून के दो कोचिंग संस्थानों पर छापा मार चोरी का पता लगाया। संयुक्त आयुक्त शहाब अली की अगुवाई में टीम ने कोचिंग संस्थानों के टैक्स संबंधित दस्तावेजों की जांच की। इसमें पाया गया कि दोनों ही कोचिंग संस्थान का मालिक एक है, लेकिन राज्य कर विभाग में पंजीकरण अलग-अलग है।विभाग ने कोचिंग लेने वाले छात्रों की फीस रसीद, बैंक डिटेल और रिटर्न फाइल से टैक्स चोरी का ब्योरा तैयार करने के बाद कार्रवाई की। अब विभाग ने 15 दिन के अदंर 50 लाख रूपये की राशि जमा करने के निर्देश दिये है। निर्धारित समय सीमा के भीतर टैक्स जमा न करने पर विभाग की ओर से जीएसटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
टैक्स चोरी करने वाले कारोबारियों व फर्मों पर राज्य कर विभाग और केंद्रीय जीएसटी इंटेलीजेंस ने शिकंजा कसा है। एक साल के भीतर उत्तराखंड में दोनों विभागों ने 262 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी है। इसमें करीब 180 करोड़ का टैक्स कारोबारियों ने जमा करा दिया है।वित्तीय वर्ष 2018-19 में विभाग ने प्रदेशभर से 72 मामलों में 162 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी थी। नोटिस जारी करने के बाद कारोबारियों ने करीब सौ करोड़ का टैक्स जमा भी कर दिया है। टैक्स चोरी की घटना के बाद तुरंत कार्रवाई करने की घटना ने हर छोटे-बड़े कारोबारी को जीएसटी चोरी पर नजर लगा दी है।
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