हल्द्वानी: रेलवे भूमि के सीमांकन का मामला फिर खबरों में है। आरपीएफ ( रेलवे सुरक्षा बल) ने 8 दिसंबर 2016 को थाना बनभूलपूरा क्षेत्र में सीमांकन के कार्य में बाधा डालने पर 29 लोगों ( सुमित हृदयेश,अफसर उर्फ मल्लू, रिहान अंसारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी, जावेद सिद्दीकी, आरिस, शोएब सिद्दीकी,तस्लीम, मोहम्मद इकराम, मोहम्मद वासी, सरताज हुसैन,सरताज, हर्षित जोशी, बृजेश सिंह,रईसुल हसन,वसीम सिद्दीकी, नफीस अहमद,शकील सिद्दीकी, जरियाब सिद्दीकी, गुरफान पार्षद, अरशद आयूब, इस्लाम मिकरनी,उवेश राजा,वफा,नवी, गफूर, राजिक, शारिक, और सलमान) को नोटिस जारी किया है। इन लोगों के एक महीने में बयान दर्ज कर आरपीएफ चार्ज सीट दाखिल करेगी।
काठगोदाम आरपीएफ चौकी के प्रभारी रणदीप कुमार ने बताया कि नैनीताल हाईकोर्ट के अनुपालन में 8 दिसंबर 2016 को रेलवे के अंदर आने वाले क्षेत्र का सीमांकन किया जा रहा था। इसमें स्थानीय लोगों ने सरकारी काम में बाधा डाला। ऐसे में स्थिति खराब ना हो और कानून व्यवस्था को देखते हुए अधिकारियों ने सीमांकन के कार्य को रोक दिया। कार्य में आई इस रुकावट को देखते हुए रेलवे के एसएसपी वर्क अखिलेश कुमार ने सरकारी कार्य में बाधा डाले जाने पर थाना बनभूलपूरा व आरपीएफ में तहरीर सौंपी है, जिसके आधार पर 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने सभी लोगों के बयान दर्ज कर चार्ज सीट दाखिल कर दी है। अब एक महीने के अंदर आरपीएफ को भी अपनी चार्जसीट फाइल करनी है। बता दें कि रेलवे के कार्य में बाधा डालने के जुर्म में 29 लोगों के खिलाफ धारा 145 और धारा 146 रेल अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें जुर्माना और कुछ दिन की सजा का प्रवधान है।
जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनके अनुसार रेलवे का ये कदम लोकतंत्र के खिलाफ था। हमने केवल लोगों के बेघर ना होने की अपील की है। जनहित के आगे प्रशासन को झुकना पड़ता है। हम अपनों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं और आगें भी उनका साथ दिया जाएगा। हम प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि नगर निगम में आने के बाद क्षेत्र का इस आधार पर सीमांकन किया जा रहा है।