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ये हो क्या रहा है,दिल्ली को बसें तो भेजी,लेकिन ढूंढने पर भी नहीं मिले उत्तराखंड प्रवासी

हल्द्वानीः दूसरों राज्यों में फंसे प्रवासियों को राज्य वापस लाने की प्रकिया शुरू हो गई है। आए दिन कई प्रवासी दूसरे राज्यों से उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। वहीं दिल्ली से उत्तराखंड के प्रवासियों को लाने के लिए 100 बसें भेजी गई लेकिन अब यात्री ही नहीं मिल रहे हैं। सिर्फ 17 बसें ही वापस लौटी हैं। पहले प्रवासी बसों मेंं अपने घर आने के लिए भारी तादात में बसे अड्डों में जमा हो रहे थे।और अब वहां ढूंढने पर भी कोई यात्री नही मिल रहा है।

बता दें कि देहरादून डिपो ने राज्य के प्रवासियों को लेने के लिए रविवार को 50 बसें और नैनीताल और टनकपुर रीजन ने 50 बसें भेजी। इसमें नैनीताल रीजन की 17 बसें यात्रियों को लेकर वापस लौट गई। वहीं जो चालक और परिचालक वहां रूके हुए हैं उनके लिए भोजन की व्यवस्था नही है। उत्तराखंड रोडवेज के एक अधिकारी जो दिल्ली बस अड़्डे में तैनात हैं उन्होने सोमवार दिन में गुरुद्वारे में भोजन की व्यवस्था कर चालक-परिचालक को भोजन करवाया। 20 मई को भी बरेली से दो बसें भी खाली लौटी थी।

उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपने का कहना है कि परिवहन निगम भी दूसरे राज्यों में भेजी गई बसों के स्टाफ के लिए भोजन की व्यवस्था नही करवा पा रहा है। वहीं दिल्ली में फंसे चालक-परिचालक के भोजन का इंतजाम नही होने पर उन्होने हंगामा किया। इसके बाद प्रशासन की ओर से सोमवार रात 170 चालक और परिचालकों के रुकने और भोजन की व्यवस्था उत्तराखंड आवास में की गई। चालक-परिचालक भोजन की व्यवस्था ना होने पर परिवहन निगम से काफी नाराज हैं। चालक-परिचालक दिन रात एक करके दूसरों राज्यों में फंसे प्रवासियों को वापस घर ला रही है। लेकिन उनके लिए ठीक तरह की व्यवस्था ना होने पर उनको भी काफी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है। बता दें कि राज्य वापसी के लिए अभी तक 249806 लोगों ने पंजीकरण कराया है।और अभी तक 160,019 घर वापसी कर चुके हैं।

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