हल्द्वानी: कुमाऊं में दो साल पहले मडुवे के मोमो वायरल हुए थे। लोगों ने पहाड के नए फास्टफूड को काफी पसंद किया। काठगोदाम में विनय बिष्ट द्वारा शुरू किए ‘ यूके 04 कैफे’ में पहाड़ी मोमो का स्वाद जानने के लिए राज्य के कई हिस्सों से लोग पहुंचे थे। कोरोना वायरस के बाद मुंबई से लौटे विनय बिष्ट का ये प्रयोग काम कर गया और फिर उन्होंने मडुवे का पिज्जा से लेकर छोले भटूरे भी लोगों को परोसना शुरू कर दिया।
पहाड़ी व्यंजन को बढ़ावा देने के लिए विनय बिष्ट ने ‘यूके 04 कैफे’ की दूसरी शाखा भी शुरू कर दी है। हल्द्वानी में स्थित कुमाऊं के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज के पास विनय बिष्ट पहाड़ी व्यंजन का स्वाद लोगों को देंगे। विनय पहले से कहते आए हैं कि उन्हें पहाड़ी उत्पादों की महत्वता को लोगों तक पहुंचाना है। मडुवे से बने व्यंजन किसी भी प्रकार से सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
बता दें कि मूल रूप से अल्मोड़ा के लंगड़ा के रहने वाले विनय बिष्ट ने साल 2021 में यूके 04 रेट्रो की पहली शाखा को शुरू किया था। रेस्ट्रों को मडुवे ने खास पहचान दी और दूर-दूर से लोग मडुवे से बनने वाले व्यंजनों का स्वाद लेने पहुंचने लगे। विनय कहते हैं कि रेस्ट्रों में स्थानीय लोगों की संख्या पर्टयकों से ज्यादा है। यूके 04 शुरू करने से पहले विनय और शिवानी मुंबई में रेस्टोरेंट्स चलाते थे लेकिन कोविड-19 के दौर में जैसा हजारों लोगों के साथ हुआ उसी प्रकार विनय भी हल्द्वानी वापस लौटे और उन्होंने अपना काम शुरू किया। शिवानी बिष्ट और विनय बिष्ट का मकसद पहाड़ के कल्चर और पहाड़ के व्यंजनों को मॉर्डन अंदाज में पेश करना है। मडुवे का संबंध पहाड़ के लोगों से है।
पहाड़ के लोग स्वस्थ्य होते हैं और मडुवा एक विशेष कारण है। उन्होंने कहा कि जंग फूड के दुष्परिणाम अब दिखने लगे हैं और ऐसे में लोगों को रेस्ट्रो में स्वास्थ्य वर्धक खाद्य सामाग्री परोसने का वक्त आ गया है। रेस्ट्रो के मेन्यू में मडुवे के पकवान ग्राहकों की पसंद बन रहे हैं। विनय ने मडुवे का पिज्जा और मडुवे के मोमो शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा वह कुल्हड़ पिज्जा की शुरुआत भी की है। चाय और कॉफी में पहाड़ के अंदाज में कुछ एक दर्जन से ज्यादा वैरायटी रखी गई है।