नई दिल्ली: टोक्यो पैरा ओलंपिक में भारत ने 19 मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है। इस गोल्डन साल में भारत ने एक और इतिहास रचा है। दरअसल आईएएस अधिकारी और नोएडा के डीएम सुहास एल यथिराज ने बैडमिंटन में सिल्वर जीत लिया है। सुहास ने बैडमिंटन की एकल एसएल4 इवेंट के फाइनल में फ्रांस के टॉप सीड शटलर को कड़ी टक्कर दी।
भारत का विजय रथ पर ओलंपिक में बढ़ता ही चला गया। आखिरी दिन यानी रविवार तक भारत के खिलाड़ी अपना लोहा मनवाते रहे। ताज़्जुब तब होता है जब मालूम होता है कि देश के एक आईएएस अधिकारी ने ओलंपिक मेडल जीत लिया है। जी हां, सुहास एल यथिराज देश के पहले आईएएस अधिकारी हैं जिन्होंने यह करनामा किया है।
सुहास एल यथिराज का फाइनल में मुकाबला फ्रांस के टॉप सीड शटलर लुकास माजूर से हुआ। कड़े मुकाबले में सुहास को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में विरोधी खिलाड़ी ने सुहास को पहले गेम में 21-15, दूसरे गेम में 21-17 और तीसरे गेम में 21-15 से हरा दिया। लुकास ने क्लोज मैच जीत कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
नोएडा के डीएम सुहास को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। इसी के साथ यह टोक्यो में भारत का कुल 18वां मेडल था। बता दें कि भारत ने टूर्नामेंट के समापन तक 19 मेडल अपने नाम किए हैं। जिसमें 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। बहरहाल इस उपलब्धि से पूरा देश खुशी मना रहा है। हर तरफ जश्न का माहौल है।
गौरतलब है कि एसएल 4 इवेंट में भारत के खिलाड़ियों ने खासा अच्छा प्रदर्शन किया है। पैरा ओलंपिक में इस बार इसी इवेंट में तीन मेडल आए हैं। दरअसल सुहास से पहले प्रमोद भगत ने शनिवार को पुरुषों की एकल एसएल3 स्पर्धा में स्वर्ण पदक, जबकि मनोज सरकार ने इसी स्पर्धा का कांस्य पदक जीता था। बता दें कि SL4 इवेंट में ऐसे बैडमिंटन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनके पैर में विकार होता है, लेकिन वे खड़े होकर खेलते हैं
एक आईएएस अधिकारी का देश के लिए खेल में भी इतना अच्छा प्रदर्शन करना भारत की ताकत का बेहतरीन परिचय है। इसी मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आईएएस सुहास को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट के बाद खिलाड़ी को फोन भी किया। ट्वीट में पीएम मोदी लिखते हैं कि – सेवा और खेल का अद्भुत संगम। सुहास यथिराज ने अपने शानदार खेल से पूरे देश का ध्यान खुद की तरफ खींचा है। बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने पर उनको मुबारकबाद। भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं।
इस मौके पर सुहास एल.वाई. (Suhas LY) के परिवार जन भी बहुत प्रसन्न हैं। उनकी पत्नी ऋतु सुहास का कहना है कि देश के लिए पैरालिंपिक में खेलना उनका सपना था। इस सपने के पीछे 6 सालों की मेहनत है। जब वे पैरालिंपिक में जा रहे थे तो मैंने उन्हें यही कहा था कि नतीजे की चिंता किए बिना वे बस अपना बेस्ट गेम खेलें और उन्होंने वही किया।