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बच्चों को कोरोना फोबिया से कैसे बचाए, डॉ. नेहा शर्मा ने शुरू की टेली सेवा


हल्द्वानी: लॉकडाउन के चलते तमाम क्लीनिक बंद हैं। मनोचिकित्सक डॉ नेहा शर्मा आजकल कोरोना फोबिया को लेकर टेली काउंसलिंग कर रही हैं। उनका कहना है कि आजकल चारों ओर केवल इस बीमारी की चर्चा ही हो रही है। लोगों के मन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है साथ ही बच्चों में भी बहुत अधिक तनाव व चिंता के मामले देखे जा रहे हैं। देशभर में आ रहे मामलों में सबसे ज्यादा व्यक्ति अपनो बच्चे को लेकर चिंतित है। क्योंकि एकदम से सभी की जिंदगी घरों के अंदर सीमित रह गई है। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है।

डॉ नेहा शर्मा ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान रखने के मनोवैज्ञानिक तरीके बताए हैं

अपने बच्चों को आश्वासन दे और उन्हें सुनने की कोशिश करें। उनके मन में कोरोना वायरस को लेकर जो भी प्रश्न हैं तो उत्तर दे। उनको कहानियां सुनाए।

इस समय बच्चों का चिंतित होना स्वाभाविक है आप उनकी भावनाओं पर ध्यान दें वह उनके मन से डर हो चिंता को हटाने के लिए उनको वर्तमान में जीना सिखाए।

इस आपदा के समय बच्चे उठ जा रहे हैं इसलिए घर के अंदर खेल, योगा, म्यूजिक, उत्साह से भरे गेम सिखाएं वह बच्चों के साथ मित्रता का व्यवहार करें।

बच्चों का उनके दोस्तों के साथ हम पर जरूर बनाए रखें जिससे वह अपनी भावनाओं को अपने साथियों के साथ शेयर करें।

इस समय बच्चों के स्कूल बंद है लेकिन आप वक्त बर्बाद ना करें ।उनकी पढ़ाई बंद नहीं होनी है। इसलिए रोजाना पढ़ने की आदत डालें और टाइम टेबल बनाएं ।

डॉ नेहा शर्मा का कहना है कि इन सभी बातों के साथ ही साथ बच्चों के अंदर साफ साफी का ध्यान जरूर रखें। जरूरत पड़ने पर परामर्श लें।

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