चंपावत: देवभूमि के लोगों में देश सेवा का जज्बा शुरू से ही प्रबल रहा है। यहां एक या दो नहीं बल्कि सैंकड़ो परिवार ऐसे हैं, जो पीढ़ियों से आर्मी में भर्ती होकर देश की रक्षा कर रहे हैं। इसी कड़ी में शामिल हैं लडोली गांव का जोशी परिवार। अब परिवार के सदस्य मेजर जनरल गजेंद्र जोशी जल्द ही लेफ्टिनेंट जनरल बनने वाले हैं।
चंपावत जिले के गांव लडोली में रहने वाले गजेंद्र जोशी फिलहाल मेजर जनरल के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। वह वर्तमान में डिफेंस सेकेट्रेट दिल्ली में मेजर जनरल के पद पर तैनात हैं। गौरतलब है कि मेजर जनरल जोशी का सफर बड़े ही साहस, त्याग और कई सारे ऑपरेशन की सफलता से भरा हुआ है।
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19 दिसंबर 1987 को आइएमए से कमीशन प्राप्त कर सेना में शामिल होने वाले मेजर जनरल गजेंद्र जोशी ने श्रीलंका से लेकर जम्मू कश्मीर तक अदम्य साहस और अनुभव का परिचय दिया है। वह एनडीए खड़क्सवाला में इंस्ट्रक्टर पद पर रहे।
इसके साथ साथ ही मेजर जनरन जोशी ने कई ऑपरेशन को सफलता से लीड किया। जिसमें श्रीलंका में ऑपरेशन पवन, असम व मणिपुर में ऑपरेशन रायनू व हिमपात, जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन रक्षक मुख्य तौर पर गिने जाते हैं। जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय बटालियन को कमांड किया तो उन्हें सेना मेडल से भी नवाजा गया।
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55 वर्षीय मेजर जनरल गजेंद्र जोशी के परिवार का भी उनकी इस सफलता में काफी बड़ा रोल है। दरअसल पूरा परिवार ही आर्मी से जुड़ा हुआ रहा है। गजेंद्र के पिता आनंद बल्लभ जोशी सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट तो ससुर भुवन चंद्र पांडेय आर्मी में अफसर पद से रिटायर्ड हैं।
गजेंद्र का बेटा आयुष जम्मू कश्मीर में लेफ्टिनेंट पद पर कार्यरत हैं। जबकि छोटा बेटा अनिवेश पूना में कंपनी में मैनेजर है। इतना ही नहीं उनकी पत्नी रीता जोशी भी आर्मी स्कूल में पढ़ाती हैं। अब इस परिवार को खुशी मनाने का बड़ा मौका मिला है। मजर जनरल गजेंद्र जोशी को सेना का दूसरे सबसे उच्चतम पद मिलने वाला है। पूरा क्षेत्र जश्न में डूबा हुआ है।
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