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मेट्रो में सफर करने वालों की जेब कटी, DMRC ने बढ़ाया किराया


दिल्ली सरकार भी DMRC के इस फैसले से नाराज है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस तरह के फैसले लोगों के मेट्रो से दूर करेंगे।  ऐसे ही चला तो मेट्रो एक दिन डूब जाएगी। पहली बढ़ोतरी के बाद डेढ़ लाख यात्री कम हुए हैं। मेट्रो को रियल एस्टेट में काम करना चाहिए ताकि नुकसान को कम किया जा सके। यह बयान उप मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में दिया। इसके पीछे उन्होंने केंद्र और भाजपा की साजिश करार दिया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किराया बढ़ाने के पीछे ओला और उबर जैसी कंपनियों को राहत देने की साजिश है। इससे इन कंपनियों को सीधा लाभ होगा। सरकार इस मामले में केंद्र और भाजपा की नीति का पर्दाफाश करेगी। मेट्रो को जनता के पैसे से व जनता के लिए तैयार किया गया है। दिल्ली सरकार इसको प्रीमियम सेवा नहीं बनने देगी। उन्होंने कहा कि इस आड़ में डीटीसी को भी बदनाम करने की कोशिश हो रही है। जबकि इस समय भी लोग मेट्रो से अधिक डीटीसी की सवारी कर रहे हैं।
विरोध के उधर शहरी विकास मंत्री ने मेट्रो के सही संचालन के लिए किराया बढ़ाने को सही बताया। मेट्रो किराया सामान्य दिनों की तुलना में रविवार को कम होगा। वहीं, दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक व रात नौ से अंतिम मेट्रो सेवा तक यात्र करने पर यात्री को स्मार्ट कार्ड से भुगतान करने पर 20 फीसदी तक छूट मिलेगी।किराया बढ़ने की वजह को लेकर डीएमआरसी का कहना है कि उसने चौथे फेज का मेट्रो का काम शुरू कर दिया है और चौथे फेज के निर्माण और अन्य नेटवर्कों के रख रख-रखाव का खर्च तय सीमा से अधिक हो गया है, इसलिए किराया बढ़ाना जरूरी है। डीएमआरसी का कहना है कि जहां साल 2008-09 में मेट्रो का ऑपरेशनल खर्च कुल राजस्‍व का करीब 55 फीसदी था वो साल 2016-17 में बढ़कर 74 फीसदी तक हो गया है।

 

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