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जागेश्वर और चितई मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगी पहले से अच्छी सुविधा


अल्मोड़ा: जिले के विख्यात जागेश्वर और चितई मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को सुधारने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के साथ सोमवार को बैठक की। बैठक में चितई मंदिर में सुविधाओं को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बचाव हेतु जो भी नियम बनाए गए हैं उनका पालन हो।

डीएम ने बैठक में मौजूद मंदिर समीति के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडे, उपजिलाधिकारी सदर सीमा विश्वकर्मा, मोनिका, पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे, अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग नितिन पांडे, अधिशासी अभियंता जल निगम केडी भट्ट, आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी, जागेश्वर मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट, पुजारी प्रतिनिधि भगवान चंद्र भट्ट आदि मौजूद रहे।

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डीएम ने कहा कि जागेश्वर में इसके तहत एक धर्मशाला का निर्माण हो रहा है। ग्रामीण निर्माण विभाग से इसका आगणन भी तैयार कर लिया गया है। उन्होंने धर्मशाला के लिए जल्दी अन्य औपचारिकता पूरी कर काम शुरू करने करने के निर्देश दिये। जागेश्वर से होकर बहने वाली जटागंगा में स्वच्छता बनाये रखने पर भी चर्चा हुई। इसके लिये यहां हरित शवदाह व्यवस्था करने की जाएगी। डीएम ने इसके लिए भी आगणन तैयार करते हुये शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिये। उन्होंने केएमवीएन द्वारा निर्मित ऑडिटोरियम को मंदिर समिति के कार्यालय व अन्य प्रयोजन के लिये प्रयोग करने के निर्देश दिये।

बैठक में मंदिर समूह के पीछे देवदार वन के संरक्षण के लिए वन विभाग से समन्वय स्थापति करने को कहा गया। इस क्षेत्र में तारबाड़ की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। मंदिर समूह के अंर्तगत लगे सीसीटीवी कैमरों व सोलर लाइट की तारों को भूमिगत करने के निर्देश दिये गए ताकि पर्यटकों को दर्शन के समय किसी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक में जागेश्वर महोत्सव के द्वितीय संस्करण के आयोजन पर चर्चा की गयी।

जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुये इस वर्ष जागेश्वर महोत्सव 30 दिसंबर को सादे तौर पर आयोजित किया जायेगा। हालांकि इसके तहत योगा, मैराथन, साईकिल रेस के आलाव जटागंगा आरती, हैरिटेज वाॅक सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित होेंगे।

डीएम ने इस दौरान चितई ग्वल देवता मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक भी ली। उन्होंने मंदिर परिसर में पेयजल किल्लत दूर करने के लिए एसडीएम सदर को अतिरिक्त टैंक बनाने का आगणन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा चितई में नवनिर्मित शौचालय में स्वच्छ रखने की सहमति प्रदान की। चितई में कूड़ा निस्तारण के लिए दिये गये वाहन के संचालन पर भी चर्चा की गयी। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को मंदिर का निरीक्षण व स्थानीय लोगों के साथ विचार-विमर्श कर अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

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