हल्द्वानी: जिलाधिकारी वंदना ने जनपद में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत होने वाले कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिले के समस्त जल संस्थान और जल निगम के अधिकारियों को तय समय मार्च, 2024 तक जल जीवन मिशन के अन्तर्गत चल रहे कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिये।
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता जलनिगम एवं जलसंस्थान को योजनाओं के स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए। कहा कि कार्य की गुणवत्ता को बनाए रखने व बेहतर समन्वय हेतु ईई स्वयं व अपने अधीनस्थ ऐई व जेई के स्थलीय निरीक्षण की मोनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में जलजनित रोग होने की सम्भावना रहती है। आमजन का स्वास्थ बेहतर रहे, इसके लिए समस्त पानी के टैंकों की सफाई कराई जाए। जिन वाटर टैंकों की सफाई की जा चुकी है उस वाटर टैंक पर सफाई का दिनांक अंकन करना सुनिश्चित करें। साथ ही जिन टैंकों की सफाई नहीं हुई है उनकी यथा शीघ्र सफाई कर आमजनमानस के सूचनार्थ तिथि अंकित करें। पानी की गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए समस्त ग्रामों में वाटर टेस्ट किट दिए गए। इन किट का समय समय पर प्रयोग हो इसके लिए परियोजना निदेशक को मोनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
अधीक्षण अभियंता जल जीवन मिशन विशाल सक्सेना ने बताया कि जनपद में लगभग 934 करोड धनराशि की लागत से कुल 989 योजनाओं पर कार्य होना है जिसमें से 981 योजनाओ के टैंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है, 8 योजनाओें केे टैंडर प्रक्रिया पर तकनीकी कारणों से आवंटित नही हो पाई है। डीएम ने सम्बन्धित अधिशासी अभियंता को शीघ्र समस्या निस्तारित कर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिेये।
डीएम ने बताया कि जनपद में फेज-1 की 473 योजनाओं के साथ ही फेज-2 की 60 योजनाओं कुल 533 योजनाओं पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्हांेने जलजीवन मिशन के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जिन योजनाओं पर 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है 15 अगस्त तक उन योजनाओं पर शतप्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं में 50 प्रतिशत से कम कार्य हुआ है उन योजनाओं पर 15 अगस्त तक 50 प्रतिशत से अधिक कार्य करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कहा जिन योजनाओं में किसी भी कारणवश टेंडर प्रक्रिया अभी तक नही हुई है उन योजनाओं के टैंडर 10 दिनों के भीतर करने के निर्देश दिये।
जलजीवन मिशन योजना के अन्तर्गत 1289 स्कूलों व 979 आंगनवाड़ी केंद्रों को जल संयोजन दिया जाना है। किसी भी विद्यालय व आंगनवाड़ी केंद्रों जल संयोजन से रह न जाए इस हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी को सबंधित विद्यालय व केन्द्र के भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि भौतिक सत्यापन में सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी विद्यालय व केन्द्र में पेयजल की समस्या न हो। यदि किसी कारणवश समस्या है तो उसको बताया जाए जिससे सम्बन्धित विद्यालय व केंद्र को पेयजल से आच्छादित किया जा सके।