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हिम्मत को सलाम,पति को खोने के बाद भी जंगल को बचाने निकली नैनीताल की तुलसी देवी


नैनीताल: महिलाएं वाकई हिम्मत की मिसाल होती हैं। हर फ्रंट पर आगे आने रहने वाली पहाड़ की महिलाएं शारीरिक परिश्रम में भी किसी से पीछे नहीं हैं। नैनीताल की तुलसी देवी इसका एक जीता जागता उदाहरण हैं। जंगल की आग बुझाते समय गई पति की जान के बाद भी तुलसी देवी ने वनाग्नि जैसी समस्या से मुंह नहीं फेरा बल्कि वह आज भी अपना शत प्रतिशत योगदान दे रही हैं। अब विभाग ने 15 अगस्त के मौके पर उन्हें सम्मानित और विभाग में नियमित करने की तैयारी कर ली है।

उत्तराखंड के जंगल जल रहे हैं। कम बर्फबारी और कम बारिश होने के कारण पहले ही इन घटनाओं का अंदाजा लगाया गया था। मगर फिर भी वन विभाग वनाग्नि के कांडों से जूझ रहा है। पेड़ पौधे खाक हो रहे हैं। जानवरों के आशियाने उजड़ रहे हैं। विभाग के कर्मचारी और दैनिक श्रमिक पूरी मेहनत से इस कहर को रोकने में जुटे हुए हैं।

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इसी श्रंखला में एक नाम कूंण पटवाडांगर निवासी 47 वर्षीय दैनिक श्रमिक तुलसी देवी का है। तुलसी देवी ने अपने पति भूपाल सिंह को 6 जून 2012 को खोया था। वन विभाग में दैनिक श्रमिक रहे भूपाल सिंह की मौत का कारण जंगल में लगी आग रही थी। पति की मौत के बाद तुलसी को रेंज में ही दैनिक श्रमिक के रूप में नियुक्ति मिली।

नैनीताल जिले में हल्द्वानी रोड पर स्थित बल्दियाखान, पटवाडांगर क्षेत्र के जंगलों में बुधवार व गुरुवार को भयंकर आग लगी गई थी। जिसे बुझाने के लिए मनोरा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी भूपाल सिंह मेहता बाकी कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे। फिर जब एपीसीसीएफ डा. जोशी भी वहां आए तो एक नज़ारा देख कर हैरान रह गए। दैनिक श्रमिक तुलसी देवी आधी रात को जंगल की आग बुझाने में लगी हुई थी।

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डॉ. जोशी तुलसी देवी कै हौसले, प्रतिबद्धता और मेहनत को देखकर इतने अभिभूत रह गए कि उन्होंने मौके पर ही तुलसी को नियमित करने के आदेश अधिकारियों को दे दिए। साथ ही उन्होंने तुलसी देवी के जज्बे की सराहना करते हुए उसे स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित करने की संस्तुति कर दी है। 

रेंजर भूपाल सिंह मेहता ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दैनिक श्रमिक तुलसी के नियमितीकरण की पत्रावली तैयार की जाने लगी है। करीब एक हफ्ते के अंदर उसको स्थायी करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इधर, डा. जोशी ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों को निश्चित तौर पर सम्मान मिलना चाहिए। वह निजी रूप से भी उसे इनाम देंगे। बता दें कि पांचवीं पास तुलसी का एक बेटा व दो विवाहित व एक अविवाहित बेटी हैं।

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