Uttar Pradesh

विधानसभा भवन के बाहर दारोगा ने खुद को मारी गोली,मौके से मिली सर्विस रिवॉल्वर और सुसाइड नोट


लखनऊ: तनाव इतना ताकतवर होता है कि इंसान की ज़िंदगी तक को खा सकता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी से बड़ी खबर सामने आई है। गुरुवार को विधानसभा सदन के बाहर एक दारोगा ने खुद को सर्विस रिवॉल्वर से गोली मार दी। खुदकुशी करने वाले दारोगा ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई गई है।

जानकारी के मुताबिक वाराणसी के गांव पल्ही पट्टी चौबेपुर निवासी 53 वर्षीय निर्मल चौबे बंथरा थाने में दारोगा के रूप में तैनात थे। परिवार में पिता की मौत हो चुकी है। बुजुर्ग मां विद्या देवी, तीन छोटे भाई प्रदीप कुमार, अतुल कुमार, अनिल कुमार, पत्नी निरूपमा, बेटा विकास चौबे, सर्वेश चौबे व विकास की बहू अर्चना हैं। वर्तमान में वह परिवार के साथ चिनहट में रह रहे थे। पुलिस के अनुसार मृतक दारोगा की सहमति पर ही उनकी तैनाती विधानसभा में की गई थी।

Join-WhatsApp-Group

दारोगा निर्मल गुरुवार को विधानसभा भवन गेट नंबर 7 पर ड्यूटी कर रहे थे। अचानक से दोपहर 3.15 बजे पार्किंग से गोली चलने की आवाज आई तो सनसनी मच गई। पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो दारोगा निर्मल खून से सने जमीन पर गिरे हुए थे। पास में ही उनकी सर्विस पिस्टल पड़ी हुई थी। आनन-फानन में पहले निर्मल को सिविल अस्पताल ले जाया गया। साथ ही उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई। लेकिन अस्पताल में पहुंचे पर डॉक्टरों ने दारोगा को मृत घोषित कर दिया।

यह भी पढें: नैनीताल में गुलदार का आतंक,लकड़ी लेने जंगल गई महिला पेड़ से नीचे गिरी

यह भी पढें: उत्तराखंड में अब तीन मंडल होंगे,चमोली,रुद्रप्रयाग,अल्मोड़ा,बागेश्वर से मिलकर बनेगा गैरसैंण

इसके बाद निर्मल के घरवालों को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। जिसमें दारोगा निर्मल ने प्रदेश के मुख्य़मंत्री से गुहार लगाई है। इसमें लिखा था कि मैं बीमारी से परेशान हूं। मुख्यमंत्री जी, मैं जा रहा हूं। आप मेरे बच्चों का ध्यान रखिएगा। बहरहाल अभी तक पुलिस को बीमारी की जानकारी नहीं मिल सकी है। हालांकि उनके बेटों ने जानकारी दी कि पापा काफी समय से बीमार थे और तनाव में थे।

दारोगा निर्मल 15 अगस्त 1987 में पीएसी में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। कई जगह ड्यूटी करने के बाद साल 2019 में निर्मल की तैनाती बंथरा थाने में हुई थी। इंस्पेक्टर बंथरा जितेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि निर्मल मानसिक रूप से अस्वस्थ थे। इतना ही नहीं बीमारी के कारण वो मेडिकल लीव में भी थे। मौके पर आकर फारेंसिक टीम ने दारोगा निर्मल की सर्विस पिस्टल को कब्जे में ले लिया है और साथ ही सुसाइड नोट की भी जांच की जा रही है।

यह भी पढें: उत्तराखंड में फिर बढ़ने लगे हैं कोरोना वायरस के मामले, आज नैनीताल में सबसे ज्यादा केस

यह भी पढें: हल्द्वानी में अंडर-16 ट्रायल, 80 खिलाड़ियों को मिला अगले दौर का टिकट

यह भी पढें: बागेश्वर से हल्द्वानी आ रही केमू बस पलटी,काली मंदिर के पास हुआ चमत्कार,बच गई 16 जिंदगियां

यह भी पढें: पहाड़ी में बात करें उत्तराखंड के युवा डॉक्टर्स,MBBS के छात्रों को सिखाई जाएगी पहाड़ी भाषा

To Top