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कांग्रेस की कमान राहुल को सौंप रिटायर हुई सोनिया

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी की कमान अपने बेटे राहुल गांधी को सौंपने के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राजनीति से रिटायरमेंट लेने का ऐलान कर दिया। सोनिया से जब पत्रकारों ने पार्टी में उनकी भावी भूमिका को लेकर सवाल पूछा, तो उन्होंने अपने रिटायरमेंट की बात कही। हालांकि कांग्रेस ने साफ किया कि वह सिर्फ अध्यक्ष पद से रिटायर हो रही हैं, राजनीति से नहीं। गौरतलब कि पिछले काफी वक्त से सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति से दूर चल रही हैं। उन्होंने हाल में संपन्न हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए प्रचार नहीं किया था । इस बीच उनके खराब स्वास्थ्य की खबरें भी आती रहीं।

सोनिया गांधी से शुक्रवार को जब पत्रकारों ने पूछा कि राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में उनका रोल किस तरह का रहेगा, तो उन्होनें जवाब दिया कि मैं रिटायर हो रही हूं। गौरतलब है कि सोनिया गांधी 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष बनी थीं। वह 19 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहीं। इस दौरान उनकी अध्यक्षता में कांग्रेस ने लगातार दो लोकसभा चुनाव (2004 और 2009) जीते। सोनिया कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की चेयरपर्सन भी रहीं।

कांग्रेस में यह बदलाव देश की सबसे पुरानी पार्टी में एक नए युग का आगाज माना जा रहा है। गौरतलब है कि 11 दिसंबर को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निर्विरोध तरीके से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। इस शीर्ष पद के लिए केवल राहुल गांधी ने ही नामांकन किया था। शनिवार को राहुल कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाल सकते हैं।

सोनिया गांधी ने ऐसे समय में रिटायरमेंट की घोषणा की है, जब कांग्रेस पार्टी के सामने अपना जनाधार बढ़ाने की बड़ी चुनौती है इसके अलावा वह कई राज्यों में चुनाव हार चुकी है । गौरतलब है कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता के बाद से 50 साल से अधिक समय तक देश पर शासन किया है, लेकिन बीजेपी का कद बढ़ने के साथ ही देशभर की सियासत में कांग्रेस सिकुड़ती चली गई है । एक समय पूरे देश पर कांग्रेस का नियंत्रण हुआ करता था लेकिन वर्तमान में सिर्फ 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में उसकी सरकार है।
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