नई दिल्ली:पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के खिलाफ आज कांग्रेस की ओर से बुलाए गए भारत बंद की अगुवाई के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी राजघाट पहुंचे। राहुल गांधी बीते कुछ दिनों से मानसरोवर की यात्रा पर गए हुए थे और वहां से लौटकर वह सीधे बंद को समर्थन करने के लिए सड़कों पर उतरे हैं।
तेल की बढ़ती कीमतों, रुपये में गिरावट जैसे मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि एकजुट विपक्ष अगले आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बेदखल कर देगा। राष्ट्रीय राजधानी में ‘भारत बंद’ की अगुवाई करते हुए राहुल ने कहा, “देश मोदी के भाषणों से तंग आ चुका है और आम आदमी से संबंधित ज्वलंत मुद्दों पर उनसे कुछ सुनना चाहता है, लेकिन प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं।”
राहुल ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि मोदी ने 2014 के चुनाव के दौरान किए गए उस वादे को पूरा किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भारत को कुछ ऐसा बनाना चाहते हैं, जो पिछले 70 सालों में नहीं हुआ, क्योंकि अर्थव्यवस्था, कृषि संकट, करीबी दोस्तों को व्यापार में फायदा पहुंचाना और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने जैसी चीजें कभी भी इतनी बुरी नहीं थी, जितनी कि चार साल पहले मोदी के सत्ता में आने के बाद से हुई हैं।
कांग्रेस अक्ष्यक्ष ने कहा, “70 सालों में रुपया कभी इतना कमजोर नहीं रहा है, पेट्रोल की कीमत आज 80 रुपये से अधिक है। जबकि डीजल 80 रुपये के करीब पहुंच रहा है। विपक्ष में रहने के दौरान कीमतों में वृद्धि को लेकर हो-हल्ला मचाते थे, लेकिन आज वह चुप हैं। रसोई गैस की कीमत दोगुनी हो गई है, लेकिन मोदी एक शब्द नहीं बोलते हैं। किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन मोदी चुप हैं। भाजपा विधायक दुष्कर्म में शामिल हैं, लेकिन मोदी कुछ भी नहीं कहते हैं।”
उन्होंने कहा, “जब राफेल (जेट) सौदे के बारे में संसद में प्रश्न उठाए जाते हैं, तो प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे पाते हैं।”राहुल ने कहा, “प्रधानमंत्री भाषण देते जा रहे हैं। देश अब उनके भाषणों से तंग आ गया है। वह उस बारे में कुछ भी नहीं कहते, जिसे देश सुनना चाहता है, जिसे युवा सुनना चाहते हैं।”बढ़ती ईंधन कीमतों के खिलाफ कांग्रेस और वामपंथी दलों द्वारा आहूत भारत बंद में यहां जनता दल (सेकुलर), तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा), लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद), ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।